नई दिल्ली। अमेरिका की भुगतान और कार्ड सेवा प्रदाता कंपनी मास्टरकार्ड(Mastercard) को आरबीआइ ने बड़ी राहत दी है। आरबीआइ ने मास्टरकार्ड पर नए ग्राहक जोड़ने को लेकर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इस कदम से मास्टरकार्ड को नए ग्राहकों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
करीब एक साल बाद मिली राहत
मास्टरकार्ड(Mastercard) पर लगाए गए ये व्यापारिक प्रतिबंध लगभग एक साल के बाद हटाए हैं। आरबीआइ ने कहा है की हाल के दिनों में मास्टरकार्ड की कार्यप्रणाली संतोषजनक रही है, इसलिए उस पर ये प्रतिबंध हटाए जाते हैं। बता दें कि पिछले साल 14 जुलाई को आरबीआइ ने सर्कुलर का पालन न करने के लिए मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई पर अपने कार्ड नेटवर्क में नए घरेलू ग्राहकों (डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड) को जोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मास्टरकार्ड पर भुगतान प्रणाली डेटा को सेव करने के आरोप लगे थे, जिन्हें आरबीआइ ने बहुत गंभीरता से लिया था। बता दें कि भारत के रूपे कार्ड (RuPay Card) से मास्टरकार्ड और वीजा (VISA) जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल रही है।
क्या हैं नियम
आरबीआइ के नियमों के तहत सभी पीओएस कंपनियों को अपने ग्राहकों के पेमेंट डाटा को गोपनीय रखने का निर्देश दिया गया है। यहां तक कि कंपनियां खुद भी इस डाटा को अपने सर्वर पर संग्रहित नहीं कर सकतीं। मास्टरकार्ड(Mastercard) पीएसएस अधिनियम के तहत भारत में कार्ड नेटवर्क के संचालन और अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर (पीएसओ) के रूप में पंजीकृत है। भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य प्रमुख कार्ड नेटवर्क में अमेरिकी कंपनी वीजा और स्वदेशी भुगतान प्रणाली के तहत के रूपे शामिल है। पेमेंट डाटा को सेव करने के आरोपों के बाद रिजर्व बैंक ने भारत में ऐसी सभी लाइसेंस प्राप्त कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को नोटिस जारी कर गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत दी थी। वित्तवर्ष 22 से सभी पीएसओ (POS) को वर्ष में दो बार नियमों का पालन करने का सबूत देना अनिवार्य कर दिया गया है।