Chaitra Navratri 2023:- हिन्दू पंचांग का पहला महीना यानि चैत्र मास की शुरुआत होने वाली है। चैत्र के महीने में शीतला सप्तमी-अष्टमी, चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा जैसे कई बड़े पर्व मनाया जायेगा। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने इस चैत्र के महीने की शुक्ल प्रतिपदा से सृष्टि की रचना करना शुरू की थी।
चलिए जानते है चैत्र महीने से जुड़ी 10 रोचक व जरुरी बातें… (Chaitra Navratri 2023)
मान्यता है की चैत्र मास से ही हिन्दी पंचांग का नववर्ष शुरू होता है। ज्योतिषों के अनुसार 21 मार्च को चैत्र अमावस्या पर संवत् 2079 खत्म हो जायेगा, जिसके बाद अगले दिन यानि 22 तारीख से संवत् 2080 शुरू हो जाएगा।
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चैत्र के महीने में श्री गणेश जी के लिए व्रत-उपवास करने की पहली चतुर्थी 10 मार्च को और दूसरी 25 मार्च को रहेगी।
भगवान विष्णु जी के भक्तों के लिए भक्ति और पूजा-पाठ करने के लिए पहली एकादशी 18 मार्च को दूसरी 1 अप्रैल को रहेगी।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि का काफी अधिक महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इन तिथियों पर शीतला माता को ठंडे खाने का भोग लगाने की प्रथा है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के अमावस्या की तारीख 21 मार्च को है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, धूप-ध्यान, दान-पुण्य आदि जैसे शुभ काम किए जाते हैं।
22 मार्च 2023 से चैत्र मास की नवरात्रि शुरू हो रही है। इसी दिन गुड़ी पड़वा है और नवसंवत् 2080 भी शुरू हो जाएगा। इस बार तिथियों की घट-बढ़ नहीं होने से नवरात्रि पूरे नौ दिन की रहेगी।
श्री राम का प्रकट उत्सव यानी श्री राम नवमी 30 अप्रैल को मनाया जायेगा। इसी तिथि पर श्रीराम चरित मानस ग्रंथ की जयंती भी मनाई जाती है। 6 अप्रैल को हनुमान जी का प्रकट उत्सव और चैत्र पूर्णिमा भी है
इस महीने की पूर्णिमा तिथि पर चित्रा नक्षत्र रहता है, इसी वजह से हिन्दी पंचांग के पहले महीने का नाम चैत्र पड़ा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चार युगों में से पहला युग यानि सतयुग की शुरुआत चैत्र से ही मानी जाती है। इस महीने में ही भगवान विष्णु ने पहला अवतार मस्त्य (मछली) के रूप में लिया था। मत्स्य अवतार ने सृष्टि के सभी प्राणियों को, राजा मनु, सप्त ऋषियों, सभी वेदों को जल प्रलय होने से बचाया था।
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चैत्र मास शुरू होने के साथ ही शीत ऋतु खत्म हो जाती है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इसी वजह से चैत्र माह से खान-पान और जीवन शैली में बदलाव कर लेना चाहिए। ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो आसानी से पच जाती हैं। शरीर में पानी की कमी न हो, इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए।
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