अपने लिए तो सभी जीते हंै, लेकिन जो दूसरों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हंै, वही जिंदगी के असल हीरो हंै। ऐसा ही कुछ कर रही है समाजहित में समर्पित शहर की महिला तृप्ता चिटकारा, जिन्होंने समाजहित में कार्य करने के लिए 2006 में तृप्ता (Tripta) वैल्फेयर सोसायटी का गठन किया था। संस्था आज सफलता के 18 साल पूरे कर चुकी है। इन 18 सालों में सोसायटी ने सिलाई प्रशिक्षण केंद्र से लेकर ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण, लंगर-भंडारा, गॢमयों में ठंडे पानी की छबील सहित अनेक समाजहित के कार्य कर समाज में समाजसेवा की अनूठी मिसाल पेश की। जरूरतमंदों की मदद करने के लिए वह हमेशा तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मदद करने से आत्मिक शांति मिलती है, साथ ही दुआएं भी।
गुरुओं की धरती पर जन्मी व सोसायटी की अध्यक्ष तृप्ता चिटकारा ने बताया कि जब उसकी बेटी की शादी हो गई थी, तब वह घर में अकेली रहती थी। इसके बाद मन में आया कि क्यों न जरूरतमंदों की सहायता की जाए और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। जिसके बाद संस्था का गठन किया। संस्था के गठन के बाद उन्होंने शहर में सिलाई सेंटर व ब्यूटी पॉर्लर सेंटर खोले। जिसमें महिलाओं को सिलाई का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया गया।
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तृप्ता (Tripta) चिटकारा ने बताया कि विधायक गोपाल कांडा के प्रयासों से शहर में 350 सिलाई सेंटर खुलवाए गए, जिसकी कमान उन्हें सौंपी गई। बाद में 150 सेंटर और खोले गए। इस दौरान 12 हजार से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया। तृप्ता ने बताया कि संस्था में 11 सदस्य हैंए जो जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। संस्था की अध्यक्ष तृप्ता चिटकारा ने बताया कि जो भी जरुरतमंद लोग उनके पास आते हैं, वह कभी उसे निराश होकर नहीं भेजती। उन्होंने कहा कि लोगों की बुढ़ापा पेंशन, लाडली पेंशन, आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र में आने वाली समस्याओं को दूर करवाया