इस्लामाबाद। बाजवा: पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की दौड़ के साथ यह अत्यधिक संभावना है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, जिन्हें संवैधानिक रूप से प्रमुख का चयन करने की अनुमति है, कोई भूमिका नहीं निभाएंगे और सेना ही अपने प्रमुख की नियुक्ति करेगी। इससे पाकिस्तान में सेना के दबदबे का पता चलता है। पाकिस्तान में कोई भी सत्ता प्रतिष्ठान या राजनीतिक दल सेना को दरकिनार या उपेक्षित कर नहीं चल सकता है।
फिर बढ़ा पाकिस्तानी सेना का सत्ता में दखल
पाकिस्तान में सेना (Pakistani Army) न केवल यह तय करती है कि नया सेना प्रमुख कौन होगा, बल्कि सरकार से संबंधित सभी गतिविधियों पर भी नजर रखती है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) को सत्ता से बेदखल करने पर सेना तटस्थ रही, लेकिन अब यू टर्न लेते हुए अपने पुराने खेल में वापस आती दिख रही है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जो बढ़ती महंगाई से चरमरा गई है, वह भी सेना के लिए चिंता का विषय है। सेना के चिंतित होने का एक अच्छा कारण है क्योंकि पैसे के बिना उनका अपना अस्तित्व दांव पर है।
इस्लाम खबर ने बताया कि इस बीच यह भी साफ होता दिख रहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पाकिस्तानी सेना के निर्देश पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि, पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उसके बिना पाकिस्तान में सर्वोच्च शक्ति के रूप में सेना किसी भी राजनीतिक दल की सत्ता में टिके रहने में कोई मदद नहीं करेगी।
पाकिस्तानी सेना के अवशेषों का प्रभाव तब स्पष्ट हुआ, जब इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक मीडिया ब्रीफिंग (14 अप्रैल 2022) को संबोधित करते हुए कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा (General Qamar Bajwa) और लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम (Lt.Gen.Nadeem Anjum), डीजी आईएसआई से प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा संपर्क किया गया था जब ‘गतिरोध’ बना हुआ था।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजनीति में हालिया बदलाव को इमरान खान और देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और खुफिया सेवाओं के पूर्व प्रमुख (आईएसआई) लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के बीच व्यापक रूप से सत्ता के खेल के रूप में शुरू किया गया था।
माना जाता था कि फैज हमीद के ही बाजवा की जगह लेने की उम्मीद थी। इमरान खान की इच्छा के खिलाफ अक्टूबर महीने में फैज हमीद को लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम द्वारा बदल दिया गया। पिछले महीने इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में देश की संसद में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बेदखल होने वाले पहले प्रधानमंत्री बने थो।
बाद में इमरान खान पर 28 अप्रैल को ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था, जब उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उसी दिन सऊदी अरब के मदीना में नए प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ का पीछा किया था और उनके नारेबाजी की थी। पाकिस्तान की स्थापना में विरोधी गुटों के बीच सत्ता संघर्ष जारी है।
इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने अपने शीर्ष लोगों को लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के गुट से संबंधित अधिकारियों की जांच शुरू करने का आदेश दिया है, जिसमें आईएसआई के गुप्त डेस्क के अधिकारी और नेता शामिल हैं। पिछले साल लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को नया ISI प्रमुख नियुक्त करने को लेकर सेना और सरकार के बीच कथित गतिरोध की खबरें सामने आई थीं।