लखनऊ। देश की सुरक्षा की जानकारी आइएसआइ को मुहैया कराने के मामले में निरुद्ध सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा की अर्जी एनआइए/एटीएस की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। सौरभ ने इस अर्जी में अपने मुकदमे का विचारण कोर्ट मार्शल के जरिए भारतीय सेना से कराने की मांग की थी। विशेष जज मो. गजाली ने अभियुक्त सौरभ शर्मा की इस अर्जी व उसकी अर्जी पर एनआइए द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति का जिक्र करते हुए अपना विस्तृत आदेश पारित किया है। कहा है कि सौरभ शर्मा का यह कथित अपराध उसकी सेवानिवृति/निष्कासन के बाद भी निरतंर जारी रहा था।
इसलिए प्रथम दृष्टया इस मुकदमे का विचारण करने का क्षेत्राधिकार इस विशेष अदालत को रहा है। उसकी सेवानिवृति/निष्कासन के बाद कोर्ट मार्शल के जरिए भारतीय सेना द्वारा इस मुकदमे का विचारण करने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। लिहाजा उसकी अर्जी निरस्त की जाती है व एनआइए की आपत्ति का भी निस्तारण किया जाता है। 22 दिसंबर, 2021 को सौरभ शर्मा की ओर से यह अर्जी दाखिल हुई थी। सौरभ का तर्क था कि आर्मी अधिनियम की प्राविधानों के मुताबिक सेना में रहते हुए किए गए अपराध का विचारण कोर्ट मार्शल के जरिए भारतीय सेना द्वारा किया जाएगा। लिहाजा उसके मुकदमे को भारतीय सेना के सिपुर्द कर दिया जाए।
एनआइए की ओर से विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह ने इस पर आपत्ति जताई। कहा कि अभियुक्त सौरभ शर्मा का तथाकथित अपराध उसकी सेवानिवृति/निष्कासन के बाद भी निरतंर जारी रहा है। वह वर्ष 2013 में सेना में भर्ती हुआ था। जून, 2020 में सेवानिवृति/निष्कासन के बाद उसे गिरफ्तार कर यह मुकदमा कायम किया गया। अब वह भारतीय सेना की सेवा में नहीं है। इसलिए इस मुकदमे का विचारण इसी अदालत द्वारा किया जाना न्यायसंगत होगा।
छह जुलाई, 2021 को एनआइए ने इस मामले में सौरभ शर्मा व एक अन्य अभियुक्त अनस याकूब गितैली के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था। सौरभ शर्मा भारतीय सेना में सिग्नल मैन के पद पर तैनात था। इस पर पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने का आरोप है। यह छद्म नाम वाली एक आइएसआइ हैंडलर नेहा शर्मा को सेना की लोकेशन व उनकी ताकत आदि की जानकारी भेजता था। जिसके एवज में अनस याकूब गितैली सौरभ को धन मुहैया कराता था।
सौरभ ने अनस गितैली के भाई इमरान गितैली से भी रकम प्राप्त किया था। आठ जनवरी, 2021 को इस मामले की शुरुआती एफआइआर थाना एटीएस, गोेमतीनगर में दर्ज हुई थी। 11 जनवरी, 2021 को अनस याकूब गितैली को गुजरात से जबकि इसके बाद सौरभ शर्मा को मेरठ से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। बाद में इस मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई।