रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के एक गांव में 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय बच्चे को बचाने के लिए बचाव अभियान आज भी जारी है। इस बीच 43 घंटे बाद भी राहुल साहू नाम का बच्चा जीने की आस नहीं छोड़े है और अब खुद बचाव अभियान में रेस्क्यू टीम की मदद करने लगा है। वहीं गुजरात से रिमोट से संचालित बोरवेल ‘रेस्क्यू रोबोट’ मशीन को रेस्क्यू आपरेशन में लगाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद लगातार अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
बच्चे ने दिखाई बहादुरी, खुद कर रहा अभियान में मदद
दो दिन से बोरवेल में फंसा राहुल बहादुरी दिखाते हुए अब खुद बाल्टी से पानी भर रेस्कयू टीम की मदद कर रहा है। बता दें कि बोरवेल की दीवारों से पानी रिसने के कारण वहां पानी इकट्ठा हो गया था जिसे अब खुद राहुल ऊपर से भेजी गई बाल्टी में पानी को भरने में मदद कर रहा है। बचाव अभियान में राहुल को बचाने में अभी कुछ घंटें और लग सकते हैं। इस बीच बच्चे को केला और जूस पहुंचा दिया गया है। साथ ही बच्चे को प्रेरित करने के लिए उससे उसके परिवार की बात कराई जा रही है।
दो दिन से चल रहा बचाव अभियान
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मलखरौदा विकासखंड के पिहरिड गांव में राहुल साहू नाम का बच्चा अपने घर में ही 50 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को बच्चे को बचाने के लिए लगाया गया है। बचाव अभियान दो दिन से चल रहा है। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर मौजूद हैं।
बोरवेल के पास गड्ढा चौड़ा होने से हुआ फायदा
बोरवेल में गिरे बच्चे के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि वहां का गड्ढा अंदर से काफी चौड़ा है जिससे बच्चे को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही है। हालांकि नीचे पत्थर होने के कारण उसे काफी चोटें आई हैं, लेकिन वह हिम्मत नहीं हार रहा है।
ये है हादसा की वजह
जानकारी के अनुसार जिस समय यह हादसा हुआ तब राहुल साहू दोपहर में खेलने के लिए अपने घर के पीछे गया था। लेकिन वह खेलने में इतना मस्त था कि उसका खुले बोरवेल पर ध्यान नहीं गया, जिससे वह उसमें गिर गया।