गिलगित-बाल्टिस्तान। आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान पर चीन का कर्ज बढ़ता जा रहा है। अब आशंका जताई जा रही है कि वह कर्ज उतारने के लिए गुलाम कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को लीज पर चीन को सौंप सकता है। काराकोरम नेशनल मूवमेंट के चेयरमैन मुमताज नागरी ने यह आशंका जताई है। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि अलग-थलग और उपेक्षित गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र भविष्य में वैश्विक ताकतों के वर्चस्व का नया केंद्र बन सकता है। यह क्षेत्र गुलाम कश्मीर का सबसे उत्तरी इलाका है जो चीन की सीमा से लगता है। नागरी ने स्थानीय लोगों से अपने क्षेत्र के लिए लड़ने का आह्वान किया है और कहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से डरने की जरूरत नहीं है। गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान अवैध कब्जा जमाया है। चीन के लिए यह क्षेत्र अहम इसलिए है, क्योंकि वह उसके महत्वाकांक्षी चाइना-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के साथ लगता है।
वहीं बिगड़ती आर्थिक स्थिति के लिए पीएम ने पूर्व पीएम इमरान खान की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। शहबाज ने कहा कि पिछली सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में कमी करके देश के सामने संकट खड़ा कर दिया था।
पीएम शहबाज ने कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार 7 करोड़ जरूरतमंद लोगों को 2000 रुपये दे रही है। वहीं सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अमीर लोगों पर बड़ा कर लगाने की बात कही है। शहबाज ने कहा कि पिछली सरकार ने जनता के हित में काम नहीं किया और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ समझौते का भी उल्लंघन किया। सूत्रों ने बताया कि आइएमएफ के बहुप्रतीक्षित पुनरूध्दार कार्यक्रम के बाद सभी संस्थाओं को विश्वास में लिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने दी थी चेतावनी
हाल ही में, वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने चेतावनी दी थी कि अगर कड़े फैसले नहीं लिए गए तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के समान स्थिति में हो सकती है।