नई दिल्ली। डायबिटीज़ एक ऐसी स्थित है जिसमें आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। डायबिटीज़ दो तरह की होती है, टाइप-1 और टाइप-2। आसान शब्दों में कहें, तो टाइप-1 डायबिटीज़ वो होती है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम इंसुलिन का उत्पादन करने वाले सेल्स को ख़त्म कर देता है। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज़ में शरीर पैनक्रियाज़ द्वारा उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ होता है।
टाइप-1 के मुकाबले टाइप-2 डायबिटीज़ के मामले ज़्यादा देखे जाते हैं। अगर इसे सही तरीके से मैनेज न किया जाए, तो डायबिटीज़ की वजह किडनी, दिल और ज़रूरी अंगों से जुड़ी गंभीर बीमारियां जन्म ले सकती हैं। यही वजह है कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर मिठाई, सोडा और मीठी खाने की चीज़ों से दूरी बनाकर रखनी होती है। लेकिन कई लोगों को लगता है कि नैचुरल स्वीटनर्स सेहत को नुकसान नहीं पहुंचा सकते और डाबिटीज़ में भी इनका सेवन सही है।
प्राकृतिक मिठास और डायबिटीज
कई लोगों मे हेल्दी रहने क लिए नैचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, फिर चाहे उन्हें डायबिटीज़ हो या नहीं। शहद और गुड़ नैचुरल स्वीटनर हैं। चीनी की जगह इन दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें चीनी की तरह प्रोसेस्ड नहीं किया जाता, इसलिए इनमें बेहद कम कैमिकल्स और प्रिज़र्वेटिव होते हैं। सफेद और ब्राउन चीनी की तुलना गुड़ और शहद को कहीं ज़्यादा हेल्दी माना जाता है।
क्या नैचुरल स्वीटनर्स डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए सुरक्षित होता है?
डायबिटीज़ के मरीज़ों को मीठे से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है, ताकि उनका ब्लड शुगर लेवल न बढ़े। ऐसा इसलिए क्योंकि हम जो खाना खाते हैं वे प्राकृतिक तौर पर कार्ब्स और चीनी से भरपूर होते हैं, जो हमारे ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए काफी होता है।
डायबिटीज़ में गुड़
इसमें कोई शक़ नहीं कि गुड़ चीनी की तुलना कहीं ज़्यादा हेल्दी होता है, लेकिन डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए यह दोनों ही एक समान हैं। अगर डायबिटीज़ के मरीज़ गुड़ का सेवन करते हैं, तो उन्हें काफी कम मात्रा में खाना चाहिए। गुड़ में चीनी की मात्रा काफी ज़्यादा होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी हाई होता है, जो 84.4 है, जिसके कारण यह डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं है।
तो क्या करना चाहिए?
आर्टीफिशियल स्वीटनर की जगह नैचुरल स्वीटनर चुनना बिल्कुल बेहतर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप जितना चाहे उतना खा सकते हैं। हमेशा याद रखें कि हर चीज़ की सीमित मात्रा ही अच्छी है, फिर चाहे आप डायबीटिक हों या नहीं। अगर आपको डायबिटीज़ नहीं है तो ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खाने से आपका वज़न बढ़ सकता है, आप मोटापे और कई तरह की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।