लखनऊ। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में ही शिक्षक रहेंगे। सरप्लस शिक्षक उन विद्यालयों में स्थानांतरित किए जाएंगे, जहां शिक्षकों की कमी है। शासन ने शिक्षकों का समायोजन अन्य विद्यालयों में करने को मंजूरी दे दी है। जल्द ही सरप्लस शिक्षकों का चिन्हांकन शुरू होगा।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक सरिता तिवारी ने 11 जुलाई को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का समायोजन करने का प्रस्ताव भेजा था। विद्यालयों में आवंटित विषयों के सापेक्ष अध्ययनरत छात्र संख्या के अनुपात में जरूरी शिक्षक संख्या तय की जाएगी। इसके बाद विद्यालयों में कार्यरत विषयवार सरप्लस शिक्षकों का चिन्हांकन करके उन्हें अन्य विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा।
प्रदेश के 2273 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में करीब 15 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे हैं, जो शहरी या सड़क के आसपास के विद्यालयों में ही पढ़ रहे हैं। ग्रामीण व असेवित क्षेत्रों में शिक्षकों की संख्या काफी कम है। इस असंतुलन को दूर करने की तैयारी है। विभाग ने छात्र-शिक्षक अनुपात घोषित नहीं किया है।
एडेड माध्यमिक कालेजों में आफलाइन तबादले : माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान 30 जून तक राजकीय शिक्षकों का आनलाइन तबादला किया। ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग 150 बताई जा रही है। वहीं, राजकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों और अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों का आफलाइन तबादला हुआ है। विभाग के अधिकारी तीनों तरह के तबादलों में कितने शिक्षकों को लाभ मिला है, ये सार्वजनिक करने को तैयार नहीं हैं।
मंत्री के रिक्त पद के तबादले भी अधर में : माध्यमिक शिक्षा मंत्री को प्रदेश भर के शिक्षकों ने पसंदीदा स्कूलों में तबादला करने का बड़ी संख्या में आवेदन किया था। मंत्री ने रिक्त पद के सापेक्ष आवेदनों को स्वीकार करके स्थानांतरण करने का आदेश दिया व अन्य प्रकरणों में भी अधिकारियों को निर्देशित किया। ये तबादले अब तक नहीं हो सके हैं। इस संबंध में शासन की स्वीकृति लेने की तैयारी है।
‘राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का समायोजन अन्य विद्यालयों में करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी गई है। इसमें अविलंब कार्यवाही करने व उससे शासन को अवगत कराने का भी निर्देश दिया गया है।’ -शंभू कुमार विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा