जम्मू: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने गुलाम कश्मीर के लोगों को भारत और पाक के बीच तनाव का पहला शिकार बताया। उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोग आजादी के लिए भारत से आस लगाए बैठे हैं। होसबोले ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश ने बार-बार भारत को अस्थिर करने की कोशिश की, लेकिन उसके प्रयासों को सुरक्षा बलों लोगों ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए होसबोले ने कहा कि 1947 में जम्मू-कश्मीर पर हमला करने के बाद से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा करके बैठा है। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर के लोग पीड़ित हैं और उन्हें पूरा न्याय मिलना चाहिए। वो लोग आजादी के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर से भगाए गए लाखों लोग आज देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।
होसबले ने कहा कि पाकिस्तान ने साल 1947 में जम्मू-कश्मीर पर हमला किया और कई अत्याचार किए। उस दौरान भारी नरसंहार हुआ, लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया। होसबोले ने बताया कि पाकिस्तान ने हमले के दौरान अकेले मीरपुर शहर में 20 से 25 हजार लोगों की हत्या की थी। उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी प्रयासों को विफल करने के लिए सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों की सराहना की।
होसबले ने देश की नई पीढ़ियों से देशभक्तों के बलिदानों को याद रखने और भारत को महान बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर पर अपनी बुरी नजर बनाए हुए है। देश को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान 1947 से आतंकवाद और अलगाववाद फैला रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के कई प्रावधान पहले जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं थे। जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसके खिलाफ पहला जन आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित किया था।