देहरादून। टनल: प्रदेश में चारधाम समेत विभिन्न पर्यटक स्थलों पर वाहनों के उमड़ने से लग रहे जाम की समस्या से अब मुक्ति मिलेगी।
पुष्कर सिंह धामी सरकार ने आटोमेटेड कार पार्किंग के लिए टनल या केविटी पार्किंग को स्वीकृति दे दी है। इनके निर्माण के लिए तीन कार्यदायी संस्थाएं चिह्नित की गई हैं।
मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय प्रदेश में पर्यटन और आर्थिक विकास में बाधक भूस्खलन स्थलों के ठोस उपचार के संबंध में लिया। इस संबंध में गठित उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र से संबंधित नियमों को हरी झंडी दिखा दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ( Dhami Cabinet Meeting) की डेढ़ महीने बाद बुधवार देर सायं सचिवालय में हुई बैठक में 36 बिंदुओं पर चर्चा हुई। इनमें से 35 बिंदुओं पर सहमति बनी। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सामने मुंहबाए खड़ी जाम की समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
चारधाम यात्रा(Chardham Yatra) के दौरान यात्रा मार्गों और मसूरी व नैनीताल समेत पर्यटक स्थलों पर हर सप्ताह जाम की समस्या (Jam Problem) से अब टनल या केविटी पार्किंग के माध्यम से निपटा जाएगा। मंत्रिमंडल ने ऐसी पार्किंग के निर्माण के लिए भूमिगत जलविद्युत परियोजनाओं को बनाने में सिद्धहस्त कार्यदायी संस्थाओं टीएचडीसी व उत्तराखंड जलविद्युत निगम के साथ ही रेल विकास निगम लिमिटेड को स्वीकृति दी है। रेल विकास निगम लिमिटेड ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन परियोजना का निर्माण कर रही है।
कैबिनेट के प्रमुख निर्णय:
- एमएसएमई 2015 की नीति के तहत सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित को भी सब्सिडी का लाभ देने को स्वीकृति
- एमएसएमई के अंतर्गत भूखंड बिक्री को सर्कल रेट से लिंक करने पर सहमति
- केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान बनाने वाली फर्म को सोनप्रयाग में भी मास्टर प्लान बनाने को स्वीकृति
- बदरीनाथ-केदारनाथ में कार्य करने वाली पीएमसी का एग्रीमेंट यूटीडीबी के साथ था, अब यूटीडीबी के बजाय बद्रीनाथ केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट को मंजूरी
- आवास विभाग में ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) को लागू किया जाएगा।
- कुमाऊं में एम्स सेटेलाइट सेंटर, किच्छा के समीप 100 एकड़ की भूमि भारत सरकार को निश्शुल्क देने का निर्णय
- देहरादून मसूरी रोपवे में टर्मिनल निर्माण में उंचाई वृद्धि के लिए छूट को मंजूरी
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में मोबाइल टावर संबंधित फीस निर्धारण की समस्या का निराकरण करते हुए भारत सरकार से निर्धारित गाइड लाइन को किया अंगीकृत
- केदारनाथ बदरीनाथ में नए मास्टर प्लान के तहत कन्सलऐंसी शुल्क तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने को मंजूरी