फतेहपुर। बांदा जनपद के मरका घाट से कुछ ही दूरी पर गुरुवार दोपहर यमुना नदी में हुए नाव हादसे में लापता 17 यात्रियों की तलाश में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन बल) की छह टीमें लगी हुई हैं। शुक्रवार सुबह आठ बजे से सभी टीमें खोजबीन में लगी हुई हैं। दो शवों के किशुनपुर थाने के मड़ौली घाट पर देखे जाने की सूचना पर टीमें मौके के लिए रवाना हुईं। हालांकि सूचना गलत निकली।
फतेहपुर जनपद के कौहन घाट पर डूबे यात्रियों की तलाश में जारी खोजबीन अभियान में मदद के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण घाट किनारे एकत्र हो गए। एंबुलेंस गाड़ियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। सूनी कलाई लिए यमुना घाट किनारे खड़े गोरेलाल-कठौता के साथ अन्य कई लोग यमुना नदी से वापस लौट रही एसडीआएफ टीमों की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं।
गोरेलाल की बहन मरका घाट से रवाना हुई नाव पर सवार होकर इस पार आ रही थीं। बीच में उफनाती कालिंदी ने गोरेलाल की बहन उजरिया समेत 35 यात्रियों को अपने आगोश में ले लिया। हादसे में 15 यात्रियों ने उफनाती नदी तैरकर पार कर ली। जबकि 17 यात्रियों का कोई पता नहीं चल सका। रक्षाबंधन को त्योहार होने की वजह से नाव पर महिलाएं अधिक सवार रही हैं। पुलिस ने सात महीने के मासूम तथा एक महिला समेत तीन यात्रियों के शव गुरुवार शाम ही नदी से बरामद कर लिए थे। शेष लापता यात्रियों की खोजबीन के लिए यमुना नदी में अभियान जारी है। नाव पर सवार रहे यात्रियों के स्वजन शुक्रवार सुबह से असोथर थाने के कौहन घाट से लेकर किशुनपुर थाने के गुरुवल यमुना घाट तक नदी के किनारे-किनारे टहल रहे हैं। किशुनपुर एसओ संजय तिवारी का कहना था पुलिस फोर्स को घाट किनारे निगरानी के लिए सचेत किया गया है। जैसे ही कोई हलचल या फिर सूचना मिलती है, उच्चाधिकारियों से साझा किया जाएगा।