चंडीगढ़ के थाना-आईटी पार्क पुलिस ने फेक Crime Branch पुलिस के अधिकारी बनकर जबरन वसूली/धोखाधड़ी करने के मामले में 4 शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान पंजाब के नयागांव जिला मोहाली के रहने वाले 38 वर्षीय संदीप उर्फ सैंडी, 33 बर्षीय विशाल, फेज चार मोहाली के रहने वाले 38 बर्षीय सुखविंदर सिंह,और आईटी पार्क चंडीगढ़ के रहने वाले 32 बर्षीय टिंकू के रूप में हुई है। थाना आईटी पार्क पुलिस को सीक्रेट इंफॉर्मेशन मिली थी कि फेक Crime Branch के अधिकारी बनकर जबरन वसूली/ धोखाधड़ी करने वाले आरोपी एरिया में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना आईटी पार्क पुलिस प्रभारी इंस्पेक्टर रोहताश यादव की सुपरविजन में एक टीम गठित की गई। टीम ने सूचना के आधार पर चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने मामले का खुलासा किया। पुलिस ने तुरंत मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 369 ,384 ,419 ,120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए चारों आरोपियों को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया अदालत ने आरोपियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया रिमांड के दौरान पुलिस ने मामले को लेकर कई अहम जानकारियां हासिल करनी है।
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क्या था मामला।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित शिकायतकर्ता एनआईसी मनीमाजरा के रहने वाले अमित कुमार ने पुलिस को बताया कि वह पंचकूला में प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का काम करता है। 12 अगस्त को दोपहर करीब 2:30 बजे पीड़ित के मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात नंबर फोन आया। वह पीड़ित को मिलना चाहते हैं। कहां मिलेगा। पीड़ित ने कहा कि वह अपनी एक्टिवा पर सवार होकर आईटी पार्क से एनआईसी मनीमाजरा की तरफ जा रहा। आरोपियों ने कहा कि वह आईटी पार्क क्षेत्र में है। और वह उन्हें डीएलएफ लाइटों पर मिलने के लिए कहा। पीड़ित एक्टिवा खड़ी कर डीएलएफ लाइटों के पास खड़ा हो गया। इसी दौरान एक इनोवा कार आई। कार की पिछली सीट पर बैठे दो आरोपी युवकों ने पीड़ित को खींचकर कार में बिठा लिया। आरोपियों ने मारपीट करनी शुरू कर दी और कहा कि वह चंडीगढ़ Crime Branch से हैं। उन्होंने कहा कि उसकी कई दिनों से तलाश थी। और उसके वारंट निकले हुए हैं।
गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे एक युवक ने जबरदस्ती पीड़ित शिकायतकर्ता की पेंट की पिछली जेब से पर्स निकाल लिया। जिसमें करीब 15 हजार रूपए थे। और पीड़ित का मोबाइल फोन भी छीन लिया। और आरोपी पीड़ित के साथ मारपीट करते रहें। और कार में ही इधर-उधर घुमाते रहे। और बाद में आरोपी पीड़ित को किशनगढ़ चौक के पास उतारकर और उसका मोबाइल फोन देकर चले गए। पीड़ित शिकायतकर्ता इतना सहम गया कि उसने इस घटना के बारे किसी को जिक्र नहीं किया। अगले दिन 13 अगस्त को सुबह करीब 10:00 बजे पीड़ित को उसी नंबर से फिर कॉल आया। और उन्होंने कहा कि वह उन्हें कोई मोटी पार्टी या फिर कोई गलत काम करता है। उसका कांटेक्ट नंबर दे। वह उसके 15 हज़ार रूपए वापिस कर दे गए। लेकिन पीड़ित ने उन्हें कुछ समय देने के लिए कहा। लेकिन आरोपी पीड़ित को बार बार फोन किए जा रहे थे।
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पीड़ित को किशनगढ़ चौक के पास मिलने के लिए बोल रहे थे। (Crime Branch) पीड़ित ने जिसकी सूचना तुरंत थाना आईटी पार्क पुलिस को दी। थाना आईटी पार्क पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना आईटी पार्क प्रभारी इंस्पेक्टर रोहताश यादव की सुपरविजन में एक टीम गठित की गई। टीम ने पीड़ित को आरोपियों से मिलने के लिए कहा और पुलिस की टीम कुछ दूरी पर खड़ी हो गई। जैसे ही पीड़ित आरोपियों से शाम करीब 7 बजे मिलने गया। इसी दौरान ट्रैप लगाकर खड़ी थाना आईटी पार्क पुलिस ने आरोपियों को धर दबोच लिया था। पुलिस के मुताबिक पता चला है कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। पकड़े गए आरोपी इसी तरह पहले भी नयागांव और एक चंडीगढ़ में वारदात को अंजाम दे चुके हैं।