मेरठ। देहलीगेट के कोटला का रहने वाला शाहरूख चार साल पहले तक जावेद के साथ पर्स बेचने का काम करता था। वहां से ही खैरनगर में स्टेरायड और फूड सप्लीमेंट के धंधे से जुड़ गया। एक साल में उसने खैरनगर को छोड़कर कंकरखेड़ा के खडौली में जाकर रहने लगा। उसके बाद दो साल से घर के अंदर ही नकली स्टेरायड का धंधा करने लगा। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि दो सालों में शाहरूख यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में अरबों का नकली विदेशी स्टेरायड खपा चुका है। मौके से मिले रजिस्टरों में कई फर्म के नाम भी सामने आए है, जो विदेशी नकली स्टेरायड बेचती है। एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि शाहरूख से जुड़े अन्य लोगों की भी पड़ताल की जा रही है। उसके मोबाइल से कुछ युवकों के नाम पता चले है, जिनकी तलाश को टीम लगा दी गई है।
तीन से पांच हजार में बेचता था कैप्सूल का डिब्बा
खडौली में में अवैध रूप से चल रही कंपनी में नकली स्टेरायड की गोलियां और कैप्सूल की एक गोली ही 50 से 60 रुपये में बेची जा रही थी। नामी विदेशी कंपनी का नाम देकर इन गोलियों और कैप्सूल का डिब्बा युवाओं को तीन से पांच हजार में बेचा जा रहा था। हाईस्कूल पास दिल्ली का शाहरूख पत्नी के साथ मिलकर घर के अंदर ही कंपनी चला रहा था। उसके बाद अमेरिका, थाईलैंड, जापान और सिंगापुर की कंपनी ग्रीन बीस्ट, ऐनाबेल टैबलेटस, औस्टा मसलस, लिगानडरोल, ईसीआर शरेड, मयोइरोल, टेस्टोलोन और ग्रोथ होरमोन कंपनी की गोलियां और कैप्सूल मिले है। ये सभी विदेशी कंपनी स्टेरायड तैयार करती है। सभी कंपनियों का तैयार किया माल और रैपर तथा होलोग्राम भी बरामद किए गए है।
जांच के बाद पता चलेगी स्टेरायड की गुणवत्ता
शाहरूख के घर के अंदर से जब्त स्टेरायड और फूड सप्लीमेंट की गुणवत्ता कैसी थी, इसका अभी पता नहीं है। स्टेरायड और फूड सप्लीमेंट का नमूना लेकर औषिधी विभाग ने लैब भेजा जा रहा है। ड्रग्स इंस्पेक्टर पीयूष शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही गुणवत्ता का पता चलेगा। हालांकि, गुणवत्ता खराब होने की आशंका है। इससे युवाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
खैरनगर से अनुभव लेकर तैयार कर रहा था नकली माल
चार साल पहले हाईस्कूल पास शाहरूख दिल्ली से खैरनगर आ गया था। यही पर उसने स्टेरायड और फूड सप्लीमेंट के धंधे की शुरूआत की। यहां उसे स्टेरायड और प्रोटीन बनाने का काम अनुभव हो गया था। उसके बाद शहर के आउटर एरिया कंकरखेड़ा के खडौली में घर के अंदर ही नकली स्टेरायड और फूड सप्लीमेंट बनाने का काम शुरू कर दिया। शाहरूख ने बताया कि पावडर की गोली बनाने के लिए कार्न स्टार्च का प्रयोग करता था। आइसक्रीम पावडर की एक गोली से शरीर पर न कोई नुकसान और नहीं फायदा होता है। हाल में शाहरूख के घर से एक साथ 20-20 लाख का माल सप्लाई होने लगा था। उसके घर के अंदर से पुलिस को 42 लाख की नकदी मिली है। उसका कहना है कि दो दिनों की दुकानदारी की रकम है। उससे ही शाहरूख के अवैध धंधे का अंदाजा लगाया जा सकता है।