नई दिल्ली। वित्त मंत्री Nirmla Sitharaman ने ट्वीट कर पूछा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पांच किलोग्राम मुफ्त में जो अनाज दिया जाता है, उसका पूरा खर्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार उठा रही है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले अनाज की 80 फीसद लागत मोदी सरकार वहन करती है तो राशन की दुकान पर प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर या बैनर लगाने पर आपत्ति क्यों हो रही है।
पीएम की पोस्टर लगाने पर हुआ विवाद
यह सवाल तब खड़ा हो गया जब तेलंगाना के एक जिले में राशन की दुकान पर प्रधानमंत्री के पोस्टर लगाने पर आपत्ति जाहिर की गई। वित्त मंत्री इन दिनों भाजपा के लोक सभा प्रवास योजना के लिए तेलंगाना के दौरे पर है। तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में राशन की दुकान पर प्रधानमंत्री के पोस्टर को हटा दिए जाने और भाजपा कार्यकर्ताओं को दुकान पर पोस्टर लगाने की इजाजत नहीं देने पर वित्त मंत्री कामारेड्डी जिले के कलेक्टर पर भड़क गई। (Nirmla Sitharaman)
राशन की दुकान पर बिकने वाले चावल में केंद्र की अधिकतम हिस्सेदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कलेक्टर से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि मुफ्त राशन योजना में केंद्र कितना खर्च वहन करता है। अधिकारी इसका जवाब नहीं दे सका और फिर सीतारमण ने कहा कि राशन की दुकान पर बिकने वाले चावल के खर्च में अधिकतम हिस्सेदारी केंद्र की है तो फिर प्रधानमंत्री के पोस्टर लगाने पर क्यों आपत्ति हो रही है।देश के 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन की योजना कोरोना महामारी के फैलने के बाद वर्ष 2020 में शुरू की गई थी और तब से यह स्कीम जारी है जो इस साल 30 सितंबर को समाप्त हो रही है।
महामारी के दौरान शुरू किया गया था योजना
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को अप्रैल 2020 में शुरू किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोरना महामारी से उत्पन्न खाद्य संकट को दूर करना था। मालूम हो कि इस योजना को इस साल मर्च में छठी बार विस्तारित किया गया था। यह योजना 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है।