इस्लामाबाद। पाकिस्तान भले ही आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को अपनी झूठी दलीलों से बहकाने का प्रयास करता रहा हो, लेकिन एफएटीएफ को वास्तविकता का ठोस अनुमान है। एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह (एपीएफ) ने आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर अंकुश लगाने के प्रयासों से जुड़े 11 में से 10 लक्ष्यों में पाकिस्तान के प्रदर्शन को घटिया करार दिया है। (Terror Funding)
एफएटीएफ के संयुक्त प्रतिनिधिमंडन ने किया था पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तानी समाचार पत्र द डान की रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीएफ के सिडनी स्थित क्षेत्रीय सहयोगी एपीजी ने अपने क्षेत्रीय सदस्यों की रेटिंग पर दो सितंबर तक एक अपडेट जारी किया था। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 11 लक्ष्यों में से केवल एक में मध्यम स्तर का प्रयास दिखाया है। इसके तहत पाकिस्तान ने पर्याप्त सूचना देने, वित्तीय जानकारी व प्रमाण उपलब्ध करने तथा अपराधियों व उनकी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कुछ हद तक अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान किया है।रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीएफ व एपीजी के 15 सदस्यीय संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच पाकिस्तान का दौरा किया था।
एफएटीएफ के साथ उच्चस्तर तैयारी का लिया जायजा
प्रतिनिधिमंडल ने यह पता लगाने का प्रयास किया था कि पाकिस्तान ने जून 2018 में एफएटीएफ के साथ उच्चस्तर पर तैयार की गई 34 सूत्री कार्ययोजना का कितना अनुपालन किया है। इससे पहले टास्क फोर्स ने इस साल फरवरी में पाया था कि पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर काफी हद तक अमल किया है। लेकिन, टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से ग्रे लिस्ट से बाहर करने से पहले देश का दौरा करने का फैसला किया था। ग्रे लिस्ट से बाहर होने पर पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मदद हासिल करना आसान हो जाएगा। (Terror Funding)
पाकिस्तान ने किया घटिया प्रदर्शन
एफएटीएफ-एपीजी मूल्यांकन तंत्र के तहत यह रेटिंग बताती है कि किसी देश की कार्रवाई किस हद तक प्रभावी रही है। मूल्यांकन 11 लक्ष्यों के आधार पर किया गया, जिनमें मनी लांड्रिंग व आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई प्रमुख थे। एपीजी ने कहा कि मनी लांड्रिंग व आतंकी फंडिंग पर अंकुश समेत 10 अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में पाकिस्तान का प्रदर्शन घटिया रहा। मालूम हो कि साउथ एशिया प्रेस की हालिया रिपोर्ट में पाकिस्तान की जालसाजी उजागर हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एफएटीएफ के दबाव में पाकिस्तान को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आपरेशन कमांडर साजिद मीर के विरुद्ध कार्रवाई करनी पड़ी, जिसे वह अबतक मृत बताता रहा है।