लखनऊ। केन्द्र सरकार ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) और 8 सहयोगी संगठनों पर देश विरोधी गतिविधियों के चलते UAPA के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगाया है। सरकार की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएफआइ पर बैन के केन्द्र सरकार के फैसले की सराहना करते हुए इसे स्वागत योग्य बताया है। (PFI Banned)
राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा से कोई समझौता नहीं- सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।’
पीएफआइ को बैन करना इस्लामिक जिहाद एवं कट्टरवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने भी पीएफआइ बैन पर ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘आरंभ है प्रचंड…देश की एकता एवं अखंडता पर लगातार चोट करने वाले PFI समेत 8 इस्लामिक संगठनों को बैन करना इस्लामिक जिहाद एवं कट्टरवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम है। देशहित में लिये गए इस ठोस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमिश शाह का आभार।
पूरे देश में पीएफआइ के ठिकानों पर छापेमारी के बाद मिले कई अहम दस्तावेज (PFI Banned)
बता दें कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने भी केन्द्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा था कि ये देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हैं। एनआइए को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार पीएफआइ की पूरे देश में प्रदर्शन व आतंकी घटनाओं के जरिये कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और संवेदनशील इलाकों में अशांति फैलाने की साजिश थी। जिसके बाद पूरे देश में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसमें कई अहम दस्तावेज एजेंसियों के हाथ लगे है। जिसमें यूपी के 26 जिलों से अबतक 57 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।