मेरठ। चर्चित दीपक हत्याकांड में डीजीपी डीएस चौहान के अनुमोदन पर एडीजी कानून व्यवस्था ने एसआइटी का गठन कर दिया है। इसका प्रभारी बागपत जिले के एएसपी मनीष मिश्रा को बनाया है। अब उनकी देख-रेख में जांच होगी। हालांकि इसकी जांच पहले भी बागपत क्राइम ब्रांच कर रही थी। (Deepak Murder Case)
राजफाश से असंतुष्ट हैं स्वजन
गत 25 सितंबर को दीपक घर से लापता हो गया था। 27 सितंबर को उसका सिर कटा शव गन्ने के खेत में मिला था। दीपक हत्याकांड के राजफाश के दौरान एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने दावा किया था कि खजूरी निवासी धीरेंद्र त्यागी उर्फ भगतजी के बेटे दीपक त्यागी की हत्या अवैघ संबंधों के चलते गांव के ही मुस्लिम युवक ने अपने साथी आसिफ के साथ मिलकर की थी। स्वजन पुलिस के राजफाश से असंतुष्ट हैं। उनका कहना था कि दो लोग दीपक की हत्या नहीं कर सकते। हत्या के पीछे गहरी साजिश है और इसमे कई लोग शामिल हैं। इसलिए स्वजन लखनऊ में अपर प्रमुख सचिव गृह विभाग संजय प्रसाद और डीजीपी डीएस चौहान से मिले थे। डीजीपी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को एसआइटी गठित करने के आदेश दिए थे।
साक्ष्यों को फोरेंसिंक लैब जांच के लिए भेजा
प्रशांत कुमार के आदेश पर बागपत जिले में एसआइटी का गठन कर दिया गया। एसआइटी में एएसपी मनीष मिश्रा, एक सीओ, क्राइम ब्रांच, एसओजी प्रभारी, फोरेंसिंक टीम और एक महिला दारोगा को रखा गया है। एसआइटी ने विवेचना को ग्रहण कर ली है और मौके से मिले साक्ष्यों को फोरेंसिंक लैब में जांच के लिए भेज दिया है।
इनका कहना है…
दीपक के पिता धीरेंद्र त्यागी की मांग पर एसआइटी का गठन किया गया है। साक्ष्यों के आधार पर एसआइटी को विवेचना पूरी करने के आदेश दिए हैं। (Deepak Murder Case)
-प्रशांत कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था