मुंबई, 8 दिसंबर (एजेंसी): (The Reserve Bank Has Increased The Repo Rate) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं।
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इसमें बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेना महंगा होगा और मौजूदा कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee, ) की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए टेलीविजन पर एक बयान में कहा, ‘मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए MCP ने पॉलिसी रेट रेपो 0.35”। रेपो दर में इस वृद्धि के साथ, स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 6 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर को 6.50 प्रतिशत पर समायोजित किया गया है।
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हालांकि, रेपो रेट में बढ़ोतरी की यह रफ्तार पिछली चार बढ़ोतरी के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था। आरबीआई ने इस साल मई से मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर मं पांच बार 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे पहले मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी और जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी (The Reserve Bank Has Increased The Repo Rate)