पंचकूला, 28 दिसंबर- पूर्व केंद्रीय जलशक्ति एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री (Central Govt) व सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय किसानों और कृषि की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इन प्रयासों में गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति, इनपुट, ऋण उपलब्धता, फसल बीमा सुनिश्चित करना आदि शामिल है।
इसके परिणामस्वरूप इस वर्ष रबी फसलों के रकबे में बड़े पैमाने में वृद्धि हुई हैं। रतन लाल कटारिया ने कहा कि मोटे सह पोषक अनाजों की खेती के रकबे में 4.34 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2021-22 में 32.05 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष अब तक का कवरेज 36.39 लाख हेक्टेयर हैं। (Central Govt) यह एक शुभ संकेत है। कटारिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है, इसकी पेशकश भारत द्वारा खाद्य और कृषि संगठन को की गई थी। भारत अग्रणी रूप से आईवाईओएम को बड़े पैमाने पर मना रहा है| आईवाईओएम मनाए जाने के कारण मोटे अनाज की मांग में हुई वृद्धि को इसके अधिक उत्पादन की बदौलत पूरा किया जा सकेगा।
कटारिया ने कहा कि सरकार सभी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दे रही है और इसके लिए किसानों को तकनीकी सहायता और महत्वपूर्ण इनपुट के साथ-साथ एचवाईवी बीज मिनीकिट मुफ्त में दिए जाते हैं। उच्च उत्पादन के साथ रकबे में हुई वृद्धि देश के खाद्यान्न उत्पादन में एक नया मील का पत्थर साबित करेगी। अधिक उत्पादन और लाभकारी कीमतों के लिए समर्थन के कारण किसानों की आय में वृद्धि होगी। (Central Govt) कटारिया ने बताया कि रबी सीजन में गेहूं के बाद तिलहन के रकबे में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। तिलहन की खेती का रकबा वर्ष 2021-22 के 87.65 लाख हेक्टेयर से 7.55 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस साल 95.19 लाख हेक्टेयर हो गया है। खाद्य तेलों में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार तिलहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के तहत 18 राज्यों के 301 जिलों में 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उपज क्षमता वाले 26.50 लाख एचआईवी बीज मिनीकिट किसानों को वितरित किए गए हैं।
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उन्होंने ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में एक लाख से ऊपर डेलिगेट्स आ रहे हैं। भारत सरकार की यह कोशिश रहेगी कि हर विदेशी मेहमान की थाली में परोसे गए (Central Govt) भोजन में एक-दो आइटम मोटे अनाज की हो। कटारिया ने बताया कि भारत विश्व में 40 प्रतिशत से भी अधिक मोटे अनाज पैदा करता है। मोटे अनाजों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष 2023 भारत के किसानों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।