Falgun Maas: हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन का महीना 06 फरवरी यानि आज से प्रारंभ हो चूका है जिसका समापन मंगलवार, 07 मार्च को होगा. मान्यतों के अनुसार इस महीने के अंतराल में भगवान शिव, श्री कृष्ण और चंद्र देव की उपासना का विशेष महत्व होता है. फाल्गुन के इस पवित्र महीने में महाशिवरात्रि, होली और फुलैरा जैसे कई प्रमुख त्योहार मनाये जाते हैं. हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में फाल्गुन महीने के कुछ खास नियम जैसे- व्रत, पूजा विधि के बारे में बताए गए हैं.
चलिए जानते है फाल्गुन महीने के विशेष नियम और इसमें पड़ने वाले त्योहारों के बारे में :-
फाल्गुन मास में के नियम (Falgun Niyum)
- इस महीने में प्रयास करके शीतल या सामान्य जल से स्नान करें.
- अनाज का प्रयोग कम से कम करें. ज्यादा से ज्यादा फल खाएं
- ज्यादा रंगीन और सुंदर वस्त्र धारण करें. सुगंध का प्रयोग करें.
- भगवान श्री कृष्ण की नियमित उपासना करें. पूजा में फूलों का खूब प्रयोग करें.
- मांस-मछली या नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल न करें.
- वाणी पर संयम रखें और क्रोध बिल्कुल न करें.
फाल्गुल माह के व्रत-त्योहार (Falgun maas vrat tyohar)
- 9 फरवरी- संकष्टी चतुर्थी व्रत, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी
- 12 फरवरी- यशोदा जयंती
- 13 फरवरी- शबरी जयंती
- 14 फरवरी- जानकी जयंती
- 16 फरवरी- विजया एकादशी
- 18 फरवरी- महाशिवरात्रि, वैद्यनाथ जयंती, शनि प्रदोष व्रत
- 19 फरवरी- पंचक प्रारंभ
- 20 फरवरी- फाल्गुन अमावस्या (सोमवती अमावस्या)
- 22 फरवरी- फुलैरा दूज
- 23 फरवरी- विनायक चतुर्थी
- 24 फरवरी- पंचक समाप्त, माता शबरी जयंती
- 27 फरवरी- होलाष्टक प्रारंभ
- 3 मार्च- आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी
- 4 मार्च- प्रदोष व्रत, गोविंद द्वादशी
- 7 मार्च- होलिका दहन
- 8 मार्च- होलाष्टक समाप्त, होली, फाल्गुन मास समाप्त
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फाल्गुन के उपाय (Falgun Upay)
हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार फाल्गुन के महीने में भगवान कृष्ण की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए. उन्हें पूरे महीने अपने मनपसंद रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन की हर मनोकामना पूरी हो जाएगी. ऐसा मन जाता है की रोज सुबह स्नान के बाद भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. इस महीने में स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए इस पवित्र माह में आप अपनी इच्छानुसार किसी गरीब या जरूरतमंद इंसान को कुछ भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा विशेष फल प्राप्त होता है|
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