सिरसा। (सतीश बंसल) दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से अनाज मण्डी, (Shri Shiv Kathamrit) ऐलनाबाद में श्रीशिव कथामृत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सर्व आशुतोष महाराज जी के शिष्य साध्वी गरिमा भारती जी ने प्रभु शिव की महिमा का रसास्वादन करवाया। भगवान शिव का जीवन चरित्र आज मानव समाज के लिए एक प्रेरणा स्तंभ है। प्रभु की पावन कथा रूपी गंगा में जिस समय एक व्यक्ति आकर गोता लगाता है तो अपने कर्म संस्कारों की कालिमा से स्वयं को पवित्र बना लेता है।
ईश्वर को प्राप्त करने के लिए मानव में जिज्ञासा के साथ श्रद्धा का होना अति आवश्यक है। क्योंकि बुद्धि से उत्पन्न जिज्ञासा को यदि तर्क शक्ति का संग मिल जाता है (Shri Shiv Kathamrit) तो वह जिज्ञासा विश्वास रूपी भगवान शिव को प्राप्त नहीं कर पाती। श्रद्धा के अभाव में ही माता सती ना भगवान शिव को समझ पाई और ना प्रभु राम को। प्रभु को नर लीला करते देखकर उनकी वास्तविकता से परिचित न हो पाई।
आज यदि मानव में धर्म को लेकर के दायरे बन चुके हैं उसकी बुद्धि में संशय भ्रम इत्यादि हैं तो कारण केवल मात्र एक है अज्ञान की दृष्टि। सर्वप्रथम आवश्यकता है एक सद्गुरु की शरणागत होकर उस दिव्य दृष्टि को प्राप्त करने की जिसके माध्यम से हम उस एक निराकार शक्ति, (Shri Shiv Kathamrit) ज्योति स्वरूप उस परमात्मा का साक्षात्कार कर पाए। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक सर्व आशुतोष महाराज जी वह दिव्य दृष्टि प्रदान कर मानव के घट में परमसत्ता का साक्षात्कार करवाने का सामर्थ्य रखते हैं। प्रजापति दक्ष अहंकार का प्रतीक है।
जिस अहंकार के कारण व्यक्ति भगवान को जान नहीं पाता। भगवान शिव द्वारा प्रजापति दक्ष का शिरोच्छेदन करना, वास्तव में जीवात्मा की अहम का मर्दन करना है। सती माता के देहत्याग करने पर भगवान शिव रूद्र रूप में तांडव कर विनाश करने लगें। यह लीला हमें प्रकृति संरक्षण की प्रेरणा करती है। (Shri Shiv Kathamrit) दक्ष के मानिंद मद में चूर होकर मानव प्रकृति रूपी माता सती का अपमान करता है अर्थात् प्रकृति का शोषण करता है तो भगवान शिव कुपित होकर के मानव को दंड देते हैं।
आज पर्यावरणीय सकंट, ओलावृष्टि, बाढ़, तापमान का बढ़ना, जलस्तर का कम हो जाना इत्यादि यदि देखें तो वास्तव में ईश्वर के द्वारा मानव को दिया गया दंड ही तो है। आज मानव अपनी भोग प्रवृत्ति के कारण यह सोचता है यह समस्त संसार एक बाजार है। (Shri Shiv Kathamrit) लेकिन हमारी आध्यात्मिक संस्कृति हमें यह ज्ञान करवाती है कि यह पूरी संसार एक बाज़ार नहीं, मानव का परिवार है। ईश्वर ने जिस परिवार को रहने के लिए यह पृथ्वी एक घर के रूप में प्रदान की है। और प्रत्येक मानव का यह दायित्व बनता है वह अपने घर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करें।
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जल संकट पर पर्यावरण प्रदूषण से यदि हम बचना चाहते हैं हम सभी को अपने जीवन में अच्छी आदतों को अपनाना होगा। प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य जानकर ही हम इन को नष्ट होने से बचा सकते हैं। संस्थान के द्वारा संरक्षण नामक चलाया जा रहा है। (Shri Shiv Kathamrit) संस्थान इस प्रकल्प के माध्यम से नुक्कड़ नाटक, रैली, स्पीच के जरिए समाज को पर्यावरणीय संकट से उभरने के लिए जागरूक कर रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुशील सारावंगी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नगर खंड संघ संचालक , रवींद्र कुमार मित्तल अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद ऐलनाबाद , सुमन सिहाग वाइस चेयरपर्सन ब्लॉक समिति ऐलनाबाद , विजेन्द्र वर्मा वर्मा स्वीट्स ऐलनाबाद और उन्होंने ज्योति जलाकर में कार्यक्रम का शुभारंभ करवाया| (Shri Shiv Kathamrit) एवं नरेश सोनी, दीपक शीला , महेन्द्र पारीक ,सुरेन्द्र सरदाना एडवोकेट , एल. डी. स्वामी , जगदीप , सुभाष प्रेमी सभी पत्रकार आरती में सम्मलित हुए । कार्यक्रम के पश्चात रात्रि भोजन का उत्तम प्रबंध सभी के लिए प्रतिदिन किया गया है ।