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Ghoonghat: मुगलों द्वारा दिए गए जख्मों को आज भी झेल रही राजस्थान की औरतें|

मुगलों की शौकीन मिज़ाजी के चलते औरतों ने इसे खुद को बचाने के लिए अपनाया था

नवटाइम्स न्यूज़ by नवटाइम्स न्यूज़
February 20, 2023
in राजस्थान
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Ghoonghat

राजस्थान में घूंघट करना यहां की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा माना है. लेकिन ये हमेशा से ऐसा नहीं था. दरअसल मुगलों से औरतों को बचाने के लिए राजस्थान और आसपास के इलाकों में पर्दा प्रथा शुरु की गयी थी. मुगल काल में यह कानून था कि अगर किसी बादशाह की नजर किसी औरत पर पड़ गयी और वह औरत बादशाह को पसंद आ गयी तो उस औरत को ना चाहते हुए भी मुग़ल हरम का हिस्सा बनना ही पड़ता था. बताया जाता है कि जब हिंदुओं के विवाह होते थे, तब मुगल विवाह समारोह से औरतों को उठाकर ले जाते थे. इस लिए हिंदुओं ने रात में विदाई करनी शुरु कर दी जो आज भी तारों की छांव में की जाती है. Ghoonghat

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सिर्फ घूंघट ही नहीं सती प्रथा भी मुगलों की ही देन है. क्योंकि उन्ही से बचने के लिए एक औरत सती हो जाती थी. जिसको बाद में परंपरा बनाने की कोशिश हुई. वैदिक भारत में रचित किसी ग्रंथ या पुराण में घूंघट का जिक्र नहीं है.  मनु स्मृति तक में इस बारे में नहीं लिखा गया है. जिसमें औरतों को लेकर कई कड़े नियम बनाये गये थे. सिर्फ घूंघट ही नहीं दू्ल्हे का सेहरा पहनना भी मुगलों की देन है. शेरवानी और सेहरा पहनना मध्यकालीन इतिहास का हिस्सा मुगलों ने बनाया था. 12वीं शताब्दी में शुरु हुई पर्दे की ये प्रथा राजस्थान में आज भी जारी है, खासतौर पर राजपूत समाज में ये खासी मान्य है. जिसे बुजुर्गों को सम्मान करने का तरीका माना जाता है. मुगलों के वक्त शुरु हुई ये प्रथा दरअसल मुसलमानों की नजरों से अपनी औरतों को बचाने के लिए बनायी गयी थी. जिसे किसी औरत ने स्वेच्छा से स्वीकर नहीं किया था, बल्कि ये वक्त की मजबूरी थी. Ghoonghat

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आपको बात दे की ऋग्वेद में एक मंत्र भी लिखा गया है, जिसका सार है कि ये कन्या मंगलमय है, एकत्र हो और इसे देखकर आशीर्वाद दो. यहीं नहीं आश्वलायनगृह्रसूत्र में लिखा गया है कि दुल्हन को घर ले जाते समय रुकने के स्थान पर दिखा कर बड़ों का आशीर्वाद और छोटों का स्नेह लिया जाए. वैसे तो राजस्थान में घूंघट करना एक मान्य परंपरा है. आधुनिक हो चुके यहां के लोग आज तक ये परंपरा निभा रहे है. किसी को घूंघट लेना है या नहीं लेना ये उसका खुद का विवेक है. वरना भगवान के आगे जाते समय भी आप सिर ढक लेते हैं और हमारी संस्कृति में तो बुजुर्ग भगवान के समान ही माने जाते हैं. Ghoonghat

नोट:-

इस लेख का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. यह केवल पुरानी किताबों से उठाया हुए लेखों के अनुसार दी गयी सुचना है, NavTimes न्यूज़ इस लेख में लिखी किसी भी शब्द का दावा नहीं करता है|

Tags: GhoonghatManu SmritiMughalMughal HaramMughal KalMythologyNavtimesNews By NavTimes न्यूज़NTN newsRajasthanRajasthan WomensRigveda
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