पंचकूला- उपायुक्त महावीर कौशिक ने सोमवार को लघु सचिवालय के (Children) सभागार में मुख्यमंत्री अन्त्योदय परिवार उत्थान योजना के अंर्तगत बाल कल्याण परिषद पंचकूला द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कोर्सों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 96 बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किये। उपायुक्त महावीर कौशिक ने प्रशिक्षण पूरे करने वाले बच्चों को बधाई एवं शुभकामनायें दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने बच्चों से प्रशिक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनके अनुभव जाने। इस अवसर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह भी उपस्थित थे।
महावीर कौशिक ने संबोधित करते हुये कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गरीब परिवारों की सालना आय को कम से कम 1 लाख 80 हजार रुपये तक बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना लागू की है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों के बच्चों को विभिन्न कोर्सों में प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। (Children) उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चें स्वरोजगार भी स्थापित कर अपने पैरो पर खड़े हो पायेंगे और अपनी व अपने परिवार की आय को बढ़ा सकेंगे। उन्होंने उपस्थित बच्चों से अपील की कि वे अपने आस पास रहने वाले परिवारों को भी इन कोर्सों के बारे में जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक परिवार इसका लाभ उठा सके।
उन्होंने कहा कि अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत जिला में दो चरणों के मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलो का आयोजन किया गया है, जिसमें पात्र परिवारों को विभिन्न विभागों की योजनाओं के तहत लाभ प्रदान किया गया। इसके अलावा उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने के लिये बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी की गई।
जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत परिषद द्वारा जिला में 345 परिवारों को पंजीकृत किया गया था, जिनके पात्र बच्चों को कालका, पिंजौर, रायुपररानी और सेक्टर-14 में संचालित सेंटरों में तीन महीने से एक साल अवधि तक के कम्प्यूटर, ब्यूटी केयर और सिलाई-कढ़ाई कोर्सों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। (Children) उन्होंने बताया कि इससे पूर्व परिषद द्वारा 80 बच्चों को प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके है और आज उपायुक्त महावीर कौशिक द्वारा 96 और बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऐसे गरीब बच्चे जो योजना के तहत पंजीकृत नहीं है, उन्हें भी परिषद द्वारा विभिन्न कोर्सों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि वे रोजगार व स्वरोजगार के माध्यम से आजीविका कमा सके। वर्तमान में 900 बच्चों को विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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इस अवसर पर टिपरा निवासी मंजू ने बताया कि वह दसवीं पास है और उसने ब्यूटी केयर का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि वे आगे पढ़ाई के साथ-साथ ब्यूटी केयर का कार्य करना चाहती है। इससे वे अपनी व अपने परिवार की आय बढ़ा सकेंगी। रायपुररानी निवासी नेन्सी सैनी ने बताया कि वह रामगढ़ राजकीय महाविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर कर रही है। उन्होंने कम्प्यूटर में 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। (Children) उन्होंने कहा कि आज कम्प्यूटर का युग है और हर कार्य में कम्प्यूटर की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद के माध्यम से कम्प्यूटर कोर्स करके उन्हें पढ़ाई में तो लाभ होगा ही और साथ ही उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
अमरावती की सोनम कोहली ने बताया कि वह एमकाॅम और बीएड है। एक गृहणी होने के नाते घर के काम काज के साथ साथ सिलाई कढ़ाई में उनकी विशेष रूचि है। (Children) उन्होंने कहा कि सिलाई कढ़ाई का कोर्स कर वे अब घर पर सिलाई कढ़ाई का कार्य स्वयं कर सकेंगी और पडोस में रहने वाली महिलाओं को भी सिलाई कढ़ाई का कार्य सिखा सकेंगी। इस अवसर पर कालका, पिंजौर, रायुपररानी और सेक्टर-14 प्रशिक्षण केंद्रों के इन्स्ट्रक्टर और जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।