सिरसा, 26 मार्च। (सतीश बंसल) आढ़ती एसोसिएशन सिरसा के (Anti-Merchant Policies) पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक एसोसिएशन के कार्यालय में प्रधान मनोहर मेहता की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में गत दिवस सिरसा जिले के दर्जनों गांवों में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई गेहूं व सरसों की फसल पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में सरकार द्वारा अनाज मंडियों में एक दुकान एक लाइसेंस नीति के बारे में प्रधान मनोहर मेहता ने विस्तार से बताया और कहा कि इस नीति का डटकर विरोध किया जाएगा तथा मंडियों में धरना प्रदर्शन किए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि यदि कोई आढ़ती पहले से आधी दुकान में आढ़़त का कारोबार कर रहा है और यदि वह एक अप्रैल को नई दुकान में अपने काम को शिफ्ट करता है तो ऐसी स्थिति में उस आढ़ती का लाइसेंस रदद नहीं होना चाहिए क्योंकि वह आढ़ती लंबे समय से उसी लाइसेंस पर अपना कारोबार कर रहा है और दुकान का पता बदलनवाना उसका कानूनी हक है। मेहता ने कहा कि जल्द ही सिरसा जिले की सभी मंडियों के प्रधानों की एक बैठक सिरसा में आयोजित की जाएगी और उस बैठक में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। (Anti-Merchant Policies) उन्होंने सरकार से मांग की कि बूथों पर 15 हजार रुपये नवीनीकरण शुल्क को माफ किया जाए और पुराना शुल्क 600 रुपये ही लिया जाए।
प्रधान ने कहा कि सरकार आढ़त के काम को बंद करना चाहती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से ही की जाए ताकि मंडियों में मजदूरों व मुनीमों का रोजगार बचा रहे। मेहता ने कहा कि यह सरकार व्यापारी विरोधी है तथा वर्षों से चले आ रहे किसान व आढ़ती के रिश्ते को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले चुनावों में सरकार के सभी मंत्रियों व पदाधिकारियों का मंडियों में आने पर विरोध किया जाएगा।
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उन्होंने जिला सिरसा के सभी मंडियों के प्रधानों का आह्वान किया (Anti-Merchant Policies) कि वे भी अपनी-अपनी मंडियों में प्रेस कान्फ्रेंस करके मीडिया के माध्यम से सरकार की आढ़त विरोधी नीतियों को उजाकर करे। बैठक में सचिव दीपक मित्तल, सह सचिव महावीर शर्मा, उपप्रधान सुशील कस्वां, उपप्रधान हन्नी अरोड़ा, दीपक नड्डा, अनीष गर्ग, संगठन सचिव कृष्ण गोयल, मुख्य सलाहकार सुधीर ललित मेहता सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।