चण्डीगढ़, 27 मार्च- हरियाणा में लोकायुक्त की (Lokayukta Act) नियुक्ति हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम 2002 के अंतर्गत हरियाणा सरकार द्वारा की जाती है। हरियाणा राज्य में यह अधिनियम 1 अगस्त 2004 में लागू हुआ और 2006 में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई। हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने बताया कि हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम का मुख्य उद्देश्य सरकारी व गैर सरकारी विभागों में पारदर्शीता सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ संबंधित पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हम सबको मिल कर भ्रष्टाचारमुक्त समाज का निर्माण करना होगा।
उन्होंने बताया कि ऐसे लोक सेवक जो स्वयं को या अन्य किसी को अनावश्यक लाभ पहुंचाने या पक्षपात करने और अपनी पाॅवर का जानबूझकर दुरूपयोग करने व लोकसेवक के रूप में भ्रष्टाचार के दोषी हों या अपनी आय से अधिक संपत्ति इकट्ठी की हो, इसकी शिकायत मिलने और दोषी पाए जाने पर लोकायुक्त सरकार को कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश करता है। (Lokayukta Act) उन्होंने बताया कि हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम के तहत भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 21 में परिभाषित लोकसेवक में वर्तमान एवं पूर्व मुख्यमंत्री, सभी मंत्रीगण, सभी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, राज्य विधान मण्डल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आते हैं।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा गठित कानूनी या गैर कानूनी निकाय के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य, नगर पालिका समिति का प्रधान, उपप्रधान, निगम का महापौर, उप महापौर, जिला परिषद का प्रधान, उप प्रधान या किसी प्रचायत समिति का कोई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, (Lokayukta Act) सहकारी समितियों का प्रधान, उप प्रधान व प्रबंध निदेशक, किसी विश्वविद्यालय का कुलपति या प्रतिकुलपति, इस अधिनियम के दायरे में आते हैं।
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उन्होंने बताया कि हरियाणा का कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार से संबंधित, अनीतिपूर्ण, दमनपूर्ण, अनुचित पक्षपातपूर्ण से पीड़ित हो तो संबंधित अधिकारी, कर्मचारी या लोकसेवक के विरूद्ध फीस सहित आवेदन देकर लोकायुक्त से न्याय की प्रार्थना कर सकता है। (Lokayukta Act) यदि किसी व्यक्ति द्वारा झूठी शिकायत दी गई और वो व्यक्ति झूठी शिकायत का दोषी पाया गया तो उसे लोकायुक्त अधिनियम के तहत तीन वर्ष तक कठोर कारावास और 10 हजार रूपए तक का जुर्माना करने का प्रावधान है। लोकायुक्त अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता द्वारा दिया गया साक्ष्य जांच-पड़ताल के बाद गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक रजिस्ट्रार की भी नियुक्ति की जाती है।