सिरसा। (सतीश बंसल) शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और (Communication) शाह सतनाम जी गर्ल्स पीजी कॉलेज के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। आईक्यूएसी व एकेडमिक और कल्चरल सेल के सौजन्य से आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता दिल्ली की दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर से संजीव तिवारी मौजूद रहे। कार्यशाला पॉजिटिविटी एंड इंटरप्रिटेशन इन कम्युनिकेशन विषय पर हुई।
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कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज प्रशासिका डॉ. चरणप्रीत कौर ढिल्लो, प्राचार्या डॉ. रजनी बाला, शाह सतनाम जी गर्ल्स पीजी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. गीता मोंगा और रिशु तोमर ने किया। जबकि मंच संचालन डॉ. मीनाक्षी द्वारा किया गया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि सकारात्मकता या पॉजिटिविटी जीवन में आशावादी होने की प्रवृत्ति है। जब हम सकारात्मक होते हैं तो हम सकारात्मक सोच में संलग्न होते हैं। अच्छा सोचते हैं तो अच्छे दया और उदारता का भाव पैदा होता है। इसलिए हमें हमेशा अपना रवैया सकारात्मक रखना चाहिए।
इंटरप्रिटेशन का मतलब प्रस्तुतीकरण, बयान या व्याख्या से होता है। किसी बात को या किसी चीज को अच्छी तरह से जानने या समझने के बाद उसकी जो व्याख्या की जाती है, उसको इंटरप्रिटेशन कहते हैं। किसी कलाकार के द्वारा किसी रचना को समझ उसको प्रस्तुत करने की क्रिया को इंटरप्रिटेशन कहा जाता है। (Communication) उन्होंने बताया कि संप्रेक्षण स्किल एक इंसान के व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है। क्योंकि संप्रेषण का मतलब है आप किसी बात को लोगों के सामने कितने प्रभावी रूप से रख सकते हैं। मुख्य वक्ता ने सभी पहलुओं को कहानी के माध्यम से समझाया।
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कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्रशासिका व प्राचार्या ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का लाभ अध्यापक व छात्रों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। (Communication) शाह सतनाम गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ.गीता मोंगा और डॉ.रिशु तोमर ने कहा कि सकारात्मक सोच और सम्प्रेषण की कला हमारे व्यक्तित्व की पहचान होती हैं। हमें अपना दृष्टिकोण हमेशा अच्छा और सकारात्मक रखना चाहिए। इस अवसर पर दोनों कॉलेजों के स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।