मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा चल रही है और ये हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही. (Chingmang village) लगातार चल रही इस हिंसा के कारण लोगो ने गवाई अपनी जान साथ राज्य में भी काफी नुक्सान हो चुका हैं. स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच हर रोज हिंसक झड़प की खबरें सामने आ रही है। इस बीच भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने जानकारी दी है कि सशस्त्र बदमाशों ने 18/19 जून की रात के दौरान कांटो सबल से चिंगमंग गांव की ओर ताबड़तोड़ गोलीबारी की।
इलाके में ग्रामीणों की मौजूदगी को देखते हुए सेना की टुकड़ियों ने नियंत्रित जवाबी फायरिंग की। इस कार्रवाई में एक सेना का जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे सैन्य अस्पताल लीमाखोंग ले जाया गया और हालांकि, अब उसकी हालत स्थिर है। भारतीय सेना ने बताया कि क्षेत्र में शामिल किए गए अतिरिक्त कॉलम और संयुक्त अभियान प्रगति पर हैं।
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फ्लैग मार्च करने के एक दिन बाद हुई घटना
भारतीय सेना द्वारा इंफाल घाटी में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में फ्लैग मार्च करने के एक दिन बाद यह घटना सामने आई है। अधिकारियों ने 18 जून को सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का भी फैसला किया है। (Chingmang village) मणिपुर सरकार ने हिंसा के बीच इंटरनेट सेवाओं को 20 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है।
आदिवासी नेताओं के फोरम का ट्विटर हैंडल ब्लॉक
इससे पहले, प्रमुख आदिवासी नेताओं के फोरम का ट्विटर हैंडल ब्लॉक कर दिया गया। आदिवासी फोरम इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के ट्विटर हैंडल पर रोक लगा दी गई। आईटीएलएफ मीडिया सेल के ट्विटर पेज पर एक संदेश लिखा है जिसमें कहा गया है कि अकाउंट को कानूनी मांग के जवाब में भारत में रोक लगा दिया गया है। आईटीएलएफ ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है। इसके अलावा इसे सेंसरशिप का चौंकाने वाला काम बताया है।
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भाजपा नेताओं के जलाए गए घर
मणिपुर में हिंसा के बीच इंफाल पैलेस मैदान के पास एक गोदाम को आग के हवाले कर दिया और फिर भाजपा नेताओं के घरों को जलाने की भी कोशिश की। हिंसक लोग इसके बाद वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों से भी भिड़ गए। इंफाल शहर में रात भर भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में जो नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। (Chingmang village) मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचंदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी की सूचना मिली. हालांकि, राज्य में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही आए दिन हिंसा के दौरान कुछ न कुछ भयावक देखने को मिल ही रहा हैं|