देश के आधे से ज्यादा हिस्सों पर बरसात के मौसम ने दस्तक दे दी है। (Monsoon Diseases) कही भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई हैं, तो कही लैंड-स्लाइड का खतरा बढ़ रहा हैं. बारिश के मौसम में लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. हालांकि, रिमझिम बारिश एक तरफ चिलचिलाती धूप से राहत दिलाती है, वहीं, ये बारिश कई तरह k गंभीर बीमारियों का कारण भी बनती है। बारिश में उमस और नमी बढ़ने से खाना जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए बाहर का खाना न खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही जगह-जगह पानी का जमाव मच्छरों की संख्या को बढ़ने का मौका देता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया आदि जैसी बीमारियां गंभीर रूप भी ले सकती हैं।
जाने मानसून के वक़्त किन खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है?
तो आइए जानते हैं, मानसून में होने वाली 6 खतरनाक बीमारियों के बारे में:
मलेरिया
यह संक्रमण भी मच्छर के काटने से होता है। घर के आसपास पानी के जमाव में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं, जो इस बीमारी का मुख्य कारण भी है। मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, जरूरत से ज्यादा पसीना आना और गंभीर एनीमिया जैसे लक्षण शामिल हैं। (Monsoon Diseases) बीमारी का अगर इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे सेरेब्रल मलेरिया हो सकता है, जो एक जानलेवा स्थिति है। इसके साथ दौरे पड़ना, किडनी फेलियर, जॉन्डिस और सांस से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. जोकि काफी घातक रूप ले सकता हैं|
डेंगू
बारिश के मौसम में डेंगू बुखार सबसे आम हो जाता है, जो जंगल में लगी आग की तरह फैलता है। नेशनल सेंटर ऑफ वेक्टर-बॉर्न डिज़ीज़ कंट्रोल यानी NCVBDC के अनुसार, हर साल भारत में, हजारों लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। साल 2021 में, डेंगू के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। यह बीमारी मादा एडीज़ मच्छर के काटने से फैलती है, जो आमतौर पर दिन के समय या सूरज ढलने से पहले काटता है। तेज बुखार के साथ बदन दर्द डेंगू के आम लक्षण हैं। इसके अलावा लोग पसीना आना, सिर दर्द, आंखों में दर्द होना, मितली, उल्टी, कमजोरी, चकत्ते, हल्की ब्लीडिंग और ब्लड प्रेशर कम होने जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। डेंगू के गंभीर मामलों में मरीज सांस न आना, प्लेटलेट्स काउंट का कम हो जाना जैसे लक्षण जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. जिसका इलाज़ समय रहते ही करवा लेना चाहिए|
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली बीमारी है, जो रुके हुए पानी में पनपते हैं। चिकनगुनिया टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण फैलता है। इसके लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद नजर आते हैं। जिसमें बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द शामिल है। (Monsoon Diseases) इस बिमारी में लोगो को हड्डियां में काफी दर्द भी रहता हैं|
डायरिया
बरसात का मौसम दस्त जैसे इन्फेक्शन का कारण भी आसानी से बनता है। इस मौसम में नमी और उमस के कारण खाना आसानी से खराब हो जाता है, जिसकी वजह से किसी का भी पेट खराब हो सकता है। साथ ही इन्फेक्शन्स बढ़ जाने की वजह से भी दस्त का खतरा और भी बढ़ जाता है।
टाइफाइड
बरसात के समय टाइफाइड के मामले भी बढ़ने लगते हैं, जो आमतौर पर दूषित खाने और पानी से होता है। इसके लक्षणों में लगातार तेज बुखार आना, कमजोरी महसूस होना, (Monsoon Diseases) पेट में दर्द और भूख न लगने के लक्षण परेशान करते हैं, जिस कारण आपका वजन भी काफी हद तक कम हो जाता हैं|
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इन्फ्लूएंजा
उमस बढ़ने और तापमान में बदलाव आने से इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ने लगते हैं। यह संक्रमण तेजी से फैलने वाला होता है, जिसमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना, सूखी और लगातार खांसी होने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसकी वजह से निमोनिया, अस्थमा, डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसे लक्षण भी दिखते हैं. इसका तुरंत इलाज़ करवाना ही बेहतर होता हैं|
बारिश के मौसम में खतरनाक बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो मानसून और बीमारियों का रिश्ता पुराना है। फिर भी इन बीमारियों की वजह और इलाज के बारे में जानकारी रखना सबके लिए बेहद जरूरी है (Monsoon Diseases) ताकि आप बीमार पड़ने से बच सकें। बरसात में खुद को बीमारियों से बचाने के लिए इन बातों का ख्याल रखें:
स्वच्छता का ध्यान रखें।
दिन में कई बार हाथों को धोएं।
बाहर का खाना न खाएं, खासतौर पर सड़क के ठेलों से।
पानी को फिल्टर या उबाल कर ही पिएं।
अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाएं।
छींकते या खांसते समय हमेशा मुंह और नाक को ढकें।
रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें।
इन सभी चीज़ों का ध्यान रखने से आप बारिश के मौसम (Monsoon Diseases) में होने वाली इन गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं|
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं तो हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें। NavTimes न्यूज़ इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता|