डिंग। (सतीश बंसल) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) डिंग में (Institution) उच्च व माध्यमिक विद्यालय मुखियाओं के चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का मंगलववार को समापन हुआ। संस्थान के प्रवक्ता सुरेंद्र नूनियां ने बताया कि इस शिविर में जिला के सभी खंडों के विद्यालय मुखियाओं ने भाग लिया। समापन अवसर पर विद्यालय मुखियाओं से प्राचार्य कपिल कुमार पूनियां ने कहा कि संस्था प्रधान को प्रशासक की भूमिका से मुक्त होकर सही मायनों में मुखिया की भूमिका में काम करना चाहिए, तभी स्कूल का प्रबंधन सही चलेगा।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना दायित्व के साथ-साथ कर्तव्य भी है। एक स्कूल मुखिया छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अभिभावकों और सामुदायिक भागीदारों सहित पूरे स्कूल समुदाय का नेतृत्व करता है। वह स्कूल और जिला नेतृत्व के बीच संपर्क हैं। स्कूल के मुखिया छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से संबंधित सभी कार्यों के प्रशासन का प्रबंधन करते हैं। शिविर प्रभारी संस्थान के विषय-विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि नवाचार स्व-प्रेरणा से पैदा होता है। इसके लिए आवश्यकता है आत्मचिंतन की। आपको पेशेवर शिक्षक नहीं बनना है। बच्चों के परिवार के सदस्यों के रूप में बच्चों के मस्तिष्क की गतिविधियों को पढ़कर उनको आगे बढ़ाना है।
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जब विद्यालय समय पर खुले और बंद हो तो उस विद्यालय का परिणाम अपने आप सामने दिखता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास की कार्ययोजना, अधोसंरचना विकास, विद्यालय परिसर में स्वच्छता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। (Institution) शिविर में राजकीय महाविद्यालय, आदमपुर से प्रो. सुखदेव व बीआरपी सिरसा अनिता छाबड़ा ने भी रिसोर्स पर्सन के रूप में अनेक विषयों पर अपने विचार रखे। अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गये। इस अवसर पर शीला रानी, रोशनलाल कंबोज, संजय रेवड़ी, सज्जन फौजी, सुभाष बैनीवाल भी उपस्थित थे।