सिरसा-:चंडीगढ़, (सतीश बंसल )अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि प्रदेश में एसटीपी व सीवर लाइन में कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। गरीब परिवारों के युवा सीवर लाइन या हौद में उतरने से लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं। यह सब भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की मेहनतकश व कामगार विरोधी नीतियों के कारण हो रहा है। प्रदेश सरकार को एसटीपी, सीवर लाइन आदि की सफाई के लिए रोबोट का प्रयोग अनिवार्य करना चाहिए, ताकि लोगों की जान जाने से बच सके।
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मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत एसटीपी या सीवर लाइन में किसी भी कर्मी को उतारे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद हर साल गरीब परिवारों से आने वाले कामगारों को इनमें उतर कर अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इससे पता चलता है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से गरीब सफाई कर्मियों की विरोधी है। एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में उतरने के बाद गैस की चपेट में आकर जान गंवाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद अभी तक प्रदेश सरकार गहरी नींद से नहीं जागी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसी भी एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में सफाई कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रतिबंध लगाते हुए इनकी सफाई के तौर-तरीकों में बदलाव करना चाहिए। एसटीपी व सीवर लाइन पर कार्यरत कर्मियों के लिए बनाए गए कानून को न तो सरकारी विभागों में लागू करवाया जा रहा है और न ही ठेकेदारों पर कानून मानने का दबाव बनाया जा रहा है। गुडग़ांव की रहेजा नवोदय सोसाइटी के एसटीपी में दो युवाओं की जान जाने की जिम्मेदार प्रदेश सरकार है।
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उन्होंने (Kumari Selja) कहा है कि आज रोबोट का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है। इसके बावजूद सीवर व एसटीपी की सफाई में प्रदेश सरकार इनका प्रयोग नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि सीवर लाइनों की सैटेलाइट मैपिंग कराए और थ्री-डी तकनीक का सहारा लेते हुए इनकी सफाई कराए। इसके लिए अगर रोबोट खरीदने पड़े तो खरीद ले, लेकिन लोगों की जान जाने से जरूर बचाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सफाई कर्मियों को एसटीपी, हौद व सीवर लाइनों में उतारने के जिम्मेदार अफसरों, कंपनियों पर ठोस कार्रवाई न होने की वजह से भी उनके हौंसले बुलंद हैं और वे बार-बार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।