Strike- मुख्य मंत्री भगवत मान और कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से सहमति देने के बावजूद कर्मचारियों के मसले हल न होते देख कर्मचारियों में रोष है, आप सरकार के झूठे लारों से परेशान उन्हों ने संघर्ष का ऐलान कर दिया है, जिसके चलते कर्मचारियों ने 3 दिन की संकेतक हड़ताल के 1 मार्च तक बढ़ाते हुए, ऐलान किया है की अगर कल 01 मार्च को होने जा रही cabinet sub committee की मीटिंग में यूनियन के मसले हल नहीं हुए तो 4 मार्च को मोहाली शिक्षा भवन के बाहर रैली करते हुए मुख्य मंत्री भगवत मान के चंडीगढ़ आवास की तरफ मार्च किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री पंजाब, भगवंत मान, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और कैबिनेट सब कमेटी द्वारा शिक्षा विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का फैसला लेने के बावजूद भी तीन महीने बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को पक्का करने का काम अमल में नहीं लाया गया. यूनियन नेताओं ने कहा कि जब आप सरकार थी, तब शिक्षा मंत्री और विभागीय अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ कई बैठकें कीं, लेकिन विश्वाश और भरोसे पर समय बर्बाद ही किया गया। यूनियन नेताओं ने कहा कि 22.11.2023 को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक पंजाब भवन में हुई थी जिसमें वित्त मंत्री हरपाल चीमा, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कर्मचारियों को पक्का करने पर सहमति जताई थी लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को न तो पक्का करने के आदेश मिले न ही कर्मचारियों की वेतन कटौती पूरी की l
कर्मचारियों के मुद्दे :– शिक्षा मंत्री श्री हरजोत बैंस जी के लिखित आदेशों के बावजूद, वित्त मंत्री हरपाल चीमा जी के आदेशों के बावजूद कर्मचारियों को पक्का करने का काम फाइलों में ही उलझा हुआ है। जल्द से जल्द कर्मचारियों को CSR rules के तहत रेगुलर किया जाए। सितंबर 2020 से बिना किसी नोटिस/ सर्कुलेशन के कर्मचारियों की सैलरी में नाजायज ही 5000 रू की कटौती की जा रही है। इस कटौती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
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प्रेस को जानकारी देते हुए जिला प्रधान जगमोहन सिंह रमन कुमार और मैडम निशा गुप्ता ने कहा कि अकाली दल और कांग्रेस सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की जवानी बर्बाद कर दी है और अब आम आदमी पार्टी की सरकार कच्चे कर्मचारियों का भविष्य है. सितंबर 2020 से दफ्तरी कर्मचारियों के लगभग 5000 रुपये मासिक वेतन में कटौती की जा रही है, जो मंत्रियों द्वारा बार-बार किये गये वादे के बावजूद कटौती को पूरा नहीं किया गया है. इसके साथ ही वर्ष 2019 से मिड डे मील कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गयी है. (Strike)
यूनियन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब, शिक्षा मंत्री पंजाब और कैबिनेट सब-कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद भी कर्मचारियों के मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण कर्मचारियों में रोष है और संघर्ष के रास्ते पे चलने को मजबूर है। जिसके चलते कर्मचारी 28 फरवरी तक कलम छोड़ हड़ताल पर बैठे हैं।विभाग और मंत्री मंडल से बार बार मीटिंग दे दी जाती है। परंतु कोई समाधान नई होता सिर्फ लारे ही लगाए जाते रहे हैं इसी लिए कर्मचारियों में भरी रोष है । मांगे न मानी गई तो संघर्ष और तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी।