नई दिल्ली। जहांगीरपुरी इलाके में जिस जगह हिंसा हुई, वह बांग्लादेशी (बांग्लादेशियों) घुसपैठियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है। जहांगीरपुरी में 12 ब्लाक हैं। छोटी-छोटी गलियों में संकरे मकानों में लाखों लोग रहते हैं। उत्तर-पश्चिमी जिले में स्थित इस इलाके में बड़ी संख्या में बांग्लादेश के मुस्लिम रहते हैं। यह इलाका आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। साथ ही नशे के लिए भी यह क्षेत्र काफी बदनाम रहा है। प्रमुख रूप से इलाके के सी ब्लाक, एच ब्लाक, जी ब्लाक में बांग्लादेश के मुस्लिमों की संख्या अधिक है।
यहां पर न तो इनकी कोई जांच पड़ताल होती है और न ही इन्हें किराये पर रखने वाले पुलिस सत्यापन आदि कराते हैं। स्थानीय लोगों की माने तो यहां पर एक लाख से अधिक बांग्लादेशी मुस्लिम रहते हैं। यहां चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त का अड्डा भी है। यहां पर नाबालिग भी कई संगीन आपराधिक वारदात को अंजाम दे चुके हैं। अवैध तरीके से देश में दाखिल हुए बांग्लादेश के लोगों को आसानी से रहने को मकान मिला जाता है।
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पहले भी हो चुकी है हिंसा: शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकाली गई शोभा यात्र के दौरान की गई ¨हसा पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी यहां पर हिंसा की गई है। वर्ष 2016 के सितंबर माह में भी हिंसा हुई थी। 18 सितंबर को उरी हमले के बलिदानियों की याद में स्थानीय लोगों ने कैंडलमार्च निकाला था। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे और इसके बाद हिंसा में पांच लोग घायल हुए थे।