लखनऊ। पिता से जमीन के विवाद में शादी टूटने पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप से सत्र अदालत ने अभियुक्त मुन्ना उर्फ सुनील कुमार को बाइज्जत बरी कर दिया है। पीड़िता ने इस मामले की एफआइआर थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी। उसने शादी का झांसा देकर मुन्ना पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
एडीजे मयंक त्रिपाठी ने अपने फैसले में कहा है कि अभियुक्त का पीड़िता के साथ शादी करने का सद्भावपूर्ण आशय था। उन दोनों के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बने थे। लेकिन पीड़िता के पिता से जमीन का विवाद होने की वजह से शादी टूट गई और अभियुक्त अपने वचन का पालन नहीं कर सका। लिहाजा अभियोजन पक्ष यह सिद्ध करने में विफल रहा है कि अभियुक्त ने शादी का झूठा वादा कर पीड़िता से संबंध बनाए थे। इधर, बचाव पक्ष की ओर से वकील संतोष झा ने बहस की।
बता दें कि आठ जून, 2013 को पीड़िता ने यह एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक पीड़िता और अभियुक्त दो साल तक पति-पत्नी की तरह रहे। इस दौरान शादी का प्रलोभन देकर उसका यौन शोषण करता रहा। जब शादी का दबाव बनाया, तो अभियुक्त ने इंकार कर दिया व धमकी भी दी।
विचारण के दौरान अदालत के समक्ष यह बात सामने आई कि पीड़िता व अभियुक्त के बीच विवाह की बात चल रही थी। इस दौरान पीड़िता के पिता ने अभियुक्त से एक लाख रुपये में अपनी एक जमीन बेचने की बात कही। इसके एवज में अभियुक्त ने पीड़िता के पिता को बतौर एडवांस 70 हजार रुपये भी दे दिए, लेकिन जब बाकी पैसे देकर जमीन का बैनामा करने को कहा, तो पीड़िता का पिता मुकर गया। वह एडवांस की रकम भी वापस करने से इंकार करने लगा। इसी बात को लेकर पीड़िता व अभियुक्त के परिवार में मतभेद हो गया व शादी की बात भी टूट गई।