ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने अजनारा बिल्डर की पैनोरमा परियोजना को कब्जे में लेने के निर्देश दिए हैं। भूखंड आवंटन निरस्त होने के बावजूद परियोजना में फ्लैट बुकिग हो रही थी। बिल्डर ने आवंटन बहाल करने के लिए यमुना प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र दिया है।
यमुना प्राधिकरण ने 42.82 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान होने पर बुधवार को अजनारा बिल्डर का सेक्टर 22 ए में 25 एकड़ का भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया था। इस भूखंड पर बिल्डर की पैनोरमा नाम से परियोजना है। बिल्डर ने परियोजना में 3266 फ्लैट की मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत कराया था। प्राधिकरण ने बिल्डर को 695 फ्लैट के लिए आंशिक अधिभोग प्रमाण पत्र भी जारी किया था।
आवंटन निरस्त होने के बावजूद परियोजना साइट पर फ्लैट की बुकिग होने की प्राधिकरण को शिकायत मिली। सीईओ ने विभागीय अधिकारियों को परियोजना को अपने कब्जे में लेने के निर्देश दिए हैं। सीईओ का दावा है कि परियोजना में फ्लैट खरीदारों के हित सुरक्षित रखे जाएंगे। प्राधिकरण परियोजना का निर्माण कार्य पूरा करेगा।
परियोजना की स्थिति के आकलन के लिए प्राधिकरण उसका फारेंसिक आडिट कराएगा। इसके लिए वित्तीय संस्था की सेवा ली जाएगी। करीब साठ दिन में वित्तीय आडिट किया जाएगा। आडिट के तहत यह देखा जाएगा कि परियोजना में कितने प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हुआ है। कितने फ्लैट की बुकिग और कितने पर खरीदारों को कब्जा दिया गया है। खरीदारों से वसूली की गई राशि और परियोजना में खर्च की गई राशि के अलावा यह भी पता लगाया जाएगा कि बिल्डर ने खरीदारों से वसूली गई राशि को अन्य परियोजना या किसी दूसरी जगह पर तो निवेश नहीं किया गया है। बिल्डर पर वित्तीय संस्थानों के ऋण की स्थिति का भी आकलन किया जाएगा। बिल्डर ने प्राधिकरण में भूखंड का आवंटन बहाल के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। आवंटन बहाल होने की स्थिति में बिल्डर को बकाया राशि की 25 प्रतिशत व वर्तमान आवंटन दर के हिसाब से दस प्रतिशत शुल्क देना होगा। भूखंड आवंटन निरस्त होने पर भी फ्लैट बुकिग की शिकायत मिलने पर परियोजना को कब्जे में लेने के निर्देश दिए गए हैं। परियोजना का जल्द फारेंसिक आडिट कराया जाएगा।
-डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण