बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके रिश्तेदारों की 67 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं। एसपी आउटर अजीत सिन्हा की रिपोर्ट पर डीएम कोर्ट ने इन्हें अटैच कर दिया। इनमें बिकरू, चौबेपुर, कानपुर देहात और लखनऊ में 13 अचल तो बाकी 10 चल संपत्तियां हैं। अब संपत्तियों पर तहसीलदार स्तर का अधिकारी बतौर रिसीवर तैनात होगा।
कानपुर देहात व लखनऊ डीएम को रिसीवर बैठाने का पत्र भेजा जाएगा। बिकरू कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे, उसकी पत्नी रिचा दुबे और अन्य रिश्तेदार की बेनामी संपत्तियों की काफी समय से जांच चल रही थी। विकास के बिकरू स्थित मकान पर बुलडोजर चलने के बाद उसकी अन्य संपत्तियों पर भी नजर थी। पुलिस की रिपोर्ट के बाद डीएम कोर्ट ने संपत्तियां जब्त कर लीं। ये संपत्तियां विकास दुबे, उसकी मां सरला दुबे, पत्नी ऋचा दुबे, छोटे भाई दीपू, बेटे आकाश और शानू के नाम पर हैं। ऐसे में ऋचा दुबे ने योगी सरकार प्रताड़ित करने का आरोप लगाया जा रहा है।
लखनऊ से कानपुर तक की हर सम्पत्ति जब्त
डीएम नेहा शर्मा विकास दुबे व उसके रिश्तेदारों की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। अब लखनऊ व कानपुर देहात के डीएम को संपत्तियों पर रिसीवर बैठाने का पत्र भेजा जाएगा। आदेश जारी करके गैंगस्टर कोर्ट भेज दिया गया है।
फंड मैनेजर जय बाजपेयी भी घोषित हुआ भूमाफिया
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद करने वाले फंड मैनेजर जय बाजपेयी, उसके भाई और भाभी को भूमाफिया घोषित किया गया है। डीएम नेहा शर्मा की अध्यक्षता में एंटी भूमाफिया सेल की बैठक में फैसले लिए गए। सात नए नाम घोषित करने के बाद सूची में अब 307 भूमाफिया हो गए हैं। इसके साथ ही एसटीएफ में सिपाही रहे शिवेंद्र सिंह सेंगर को चिह्नित करके उसके खिलाफ चकेरी पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है। जय और उसके रिश्तेदारों की संपत्ति जब्त करने के साथ बुलडोजर कार्यवाही भी होगी।
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