लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जिलों का दौरा कर रहे हैं। हर मंडल के लिए तीन-तीन मंत्रियों का समूह बनाकर भेजा। विकास कार्यों की समीक्षा, पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात और जनता से फीडबैक लेकर लौटे अधिकांश कैबिनेट मंत्रियों का अनुभव यही रहा कि अधिकारी न जनता की सुनते हैं और ना ही पार्टी पदाधिकारियों की बात मानते हैं। मंत्रियों ने मौखिक रूप से किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया, लेकिन मंडल की जिलेवार पूरी लिखित रिपोर्ट तीन दिन में सभी मंत्री सौंप देंगे।
दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही योगी सरकार ने रफ्तार पकड़ ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक जनता को मिले और विकास कार्य तेजी से हों। साथ ही हर जिले का माडल डेवलपमेंट प्लान बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए योगी ने कैबिनेट मंत्रियों के नेतृत्व में तीन-तीन मंत्रियों की टीम सभी 18 मंडलों के लिए बनाई है।
अब तक सभी मंत्री समूह अपने-अपने मंडलों में एक-एक बार प्रवास कर चुके हैं। निर्देश के मुताबिक, सभी ने विकास कार्यों का जायजा लिया। लाभार्थीपरक योजनाओं की जानकारी ली। अधिकारियों के अलावा पार्टी पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की तो आमजन से भी व्यवस्थाओं को लेकर फीडबैक लिया। जिलों में समस्याओं के साथ समाधान और संभावनाओं की रिपोर्ट भी तैयार की।
मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी ने सभी मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने समूहों का नेतृत्व कर रहे कैबिनेट मंत्रियों से संक्षेप में जिलों के दौरे का अनुभव साझा करने के लिए कहा। सूत्रों ने बताया कि सरकार योजनाओं को लेकर सभी ने सकारात्मक फीडबैक दिया। बताया कि जनता कल्याणकारी योजनाओं से काफी खुश है और निचले स्तर पर लाभ भी पहुंच रहा है। विकास के काम भी तेजी से चल रहे हैं, लेकिन नौकरशाही को लेकर रिपोर्ट ठीक नहीं है।
अधिकांश मंत्रियों ने बताया कि जिलों में तैनात अधिकारी जनता की फरियाद नहीं सुनते। पार्टी पदाधिकारियों ने शिकायत की है कि वह जनता का कोई काम कराना चाहें तो अधिकारी उनकी भी नहीं सुनते। फोन तक नहीं उठाते हैं। हालांकि, इस पर योगी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। चूंकि, कुछ मंत्री अभी पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं कर सके थे, इसलिए कहा गया कि सभी मंत्री तीन दिन में लिखित रिपोर्ट सौंप दें। जो भी शिकायत और सुझाव हैं, उसमें लिख दें। जिलों के विकास का माडल प्लान बनाने के लिए वह रिपोर्ट जिलों के नोडल अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
अब स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्रियों की बारी : मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों से रिपोर्ट ली। साथ ही कहा कि अगली बैठक में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और फिर राज्यमंत्री अपने अनुभव साझा करेंगे।
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