नई दिल्ली: केरल के कोल्लम शहर में टोमैटो फीवर(Tomato Fever) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को ये फीवर प्रभावित कर रहा है। अब तक इस फीवर के कारणों का पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य विभाग लगातार इस पर अपनी नजर बनाए हुए है। इस फीवर को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जगह-जगह जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
क्या हैं टोमैटो फीवर?
टोमैटो फीवर(Tomato Fever) को टोमैटो फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। ये समस्या 5 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिल रही है। अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह वायरल फीवर है या फिर डेंगू, चिकनगुनिया की वजह से होने वाली प्रॉब्लम। इस फीवर में बच्चों की त्वचा पर लाल-लाल छाले हो जाते हैं जो आकार कई बार टमाटर के बराबर भी हो जाता है। इस वजह से इसे टोमैटो फीवर नाम दिया गया है। अभी तक इसके सबसे ज्यादा मामले केरल के कोल्लम में देखने को मिले हैं, लेकिन हेल्थ ऑफिसर्स ने चेताया है कि यह दूसरे राज्यों में भी फैल सकता है।
कैसे फैलता है टोमैटो फीवर?
टोमेटो फ्लू(Tomato Fever) छूने से फैलता है, अगर कोई टोमेटो फ्लू से संक्रमित है तो उसके ठीक होने तक उससे अलग रखना चाहिए। संक्रमित बच्चे से स्वस्थ बच्चे को जितना हो सके दूर रखें।
टोमैटो फीवर के मुख्य लक्षण
– चकत्ते
– त्वचा में जलन
– थकान
– जोड़ों में दर्द
– पेट में ऐंठन
– उल्टी
– दस्त
– नाक बहना
– तेज बुखार
– खांसी
– छीकना
– शरीर में दर्द
टोमैटो फीवर(Tomato Fever) से बचाव के उपाय
– साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है।
– फफोलों को खुजलाने और खरोंचने स बचाना है।
– संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी चीज़ का इस्तेमाल स्वस्थ व्यक्ति को नहीं करना है।
– ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन मरीज को कराएं। जिससे डिहाइड्रेशन न होने पाएं।