नई दिल्ली। हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी(उच्च रक्तचाप) की प्रॉब्लम में शुरू-शुरू में किसी भी तरह का कोई लक्षण नजर नहीं आता। जब ये गंभीर हो जाता है तब नाक से खून बहना, चक्कर आना, यूरीन में ब्लड आना, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं सामने आती हैं। दुनियाभर में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजहों में से एक हार्ट अटैक है, जिसके पीछे काफी हद तक हाइपरटेंशन जिम्मेदार है।
हाइपरटेंशन है क्या ?
जब धमनियों के जरिए ब्लड को पुश करने में हार्ट को ज्यादा जोर लगता है तो ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर के एक सीमा से ज्यादा होने को ही हाइपरटेंशन कहते हैं।
हाइपरटेंशन(उच्च रक्तचाप) से ये अंग हो सकते हैं प्रभावित
1. आंखों पर असर
हाई ब्लड प्रेशर आंखों के पिछले हिस्से यानी रेटिना की अंदरूनी परत को डैमेज कर सकता है। तो अगर रेटिना में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो ये हाइपरटेंशन का लक्षण है इसे पहचानें। इससे आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है।
2. दिल पर असर
धमनियों में रेजिस्टेंस के बढ़ने व वाहिकाओं के सिकुड़ने की वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। दिल की मांसपेशियां मोटी होकर कड़ी हो जाती हैं। इसके साथ ही हार्ट का बांया हिस्सा भी धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है, जिससे ब्लड पंप करने में परेशानी आती है। जो हार्ट फेलियर की वजह बनता है।
3. दिमाग पर असर
स्ट्रोक की एक बहुत बड़ी वजह हाइपरटेंशन(उच्च रक्तचाप) है। हाई ब्लड प्रेशर से धमनियों की दीवार कमजोर होने लगती है, जिसके चलते मस्तिष्क में ये फूल जाती है। इसे एन्यूरिज्म कहते हैं। ब्लड प्रेशर के कारण ये एन्यूरिज्म एकदम से फट जाते हैं जिससे स्ट्रोक होता है।
4. किडनी पर असर
बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर किडनी की सॉल्ट को कंट्रोल करने और शरीर में पानी रोकने की क्षमता को प्रभावित करता है, इसके चलते हाइपरटेंशन की समस्या और ज्यादा बिगड़ जाती है। हाइपरटेंशन(उच्च रक्तचाप) कई बार किडनी को डैमेज भी कर सकता है।
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