उपन्यास लेखक (Writer) ‘दीपक पटेल’ के साथ विशेष संवाद नव टाइम्स न्यूज़ द्वारा।
सबसे पहले तो आप अपने बारे में हमें थोड़ा बताएं आप कहां के रहने वाले हैं तथा आपका बचपन कैसा रहा?
दीपक:- जैसा कि आप जानते हैं मेरा नाम ‘दीपक पटेल’ है लेकिन अधिकतर लोग मुझे पटेल दीपक कुमार कहते हैं और जब मैंने अपनी लेखनी (Writer) की शुरुआत करी तो लोगों ने मुझे डेब जी का नाम भी दिया. अगर मैं अपने बचपन की बात करूं तो मैं मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर का रहने वाला हूं जहां मेरा बचपन बीता वहीं पर मैंने अपने दसवीं तक की स्कूली शिक्षा प्राप्त करी उसके बाद मेरे पिता का तबादला छिंदवाड़ा हो गया जहां मैंने अपनी 11वीं 12वीं की पढ़ाई पूरी करी. उसके बाद मैंने पीआईटी कॉलेज भोपाल से अपनी इंजीनियरिंग ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करी जिसके बाद मेरी पहली नौकरी बेंगलुरु में लगी वहां कुछ समय आईटी में नौकरी करने के बाद में पुणे आ गया और नौकरी करने लगा और आज मैं पुणे में ही रह रहा हूं।
आपने अपने लिखने की शुरुआत कैसे या कब करी?
दीपक:- जब मैं भोपाल कॉलेज में पढ़ रहा था तो वहां मेरे कुछ दोस्त थे जिनमें एक मेरा मित्र था अभिषेक सिंह जो अब इस दुनिया में नहीं है वह कहता था कि तुम बोलने में बहुत अच्छे हो इसको लेखन में परिवर्तित करो क्योंकि जब भी मैं कोई बात करता था तो पूरे विस्तार से करता था उस समय मुझे लिखने (Writer) का भी शौक था लेकिन मेरे दोस्त की मृत्यु के बाद में थोड़ा रुक सा गया और मैंने अपना पूरा ध्यान अपने कैरियर पर केंद्रित कर दिया. फिर जब मेरी नौकरी लगी और मैं पुणे में आकर बसा तब मैं मुंबई अपने मित्रों से मिलने जाता था तो वहां मे उन्हें देखता था कि वह कैसे फिल्मों के लिए ऑडिशन देते थे जहां उन्हें देखकर मुझे भी अपनी लेखनी पर ध्यान केंद्रित करने का रुझान आया जिसके बाद मैंने अपनी लेखनी पर ध्यान देना शुरू कर दिया और कुछ ना कुछ लिखना शुरू किया।
उपन्यास ‘टूथपेस्ट गर्ल’ लिखने का आपको कैसे या कब विचार आया?
दीपक:- 2011 तक मे मैं अलग-अलग विषयों पर लिखता था जिसे मैं अपने मित्रों को दिखाता था तो वह लोग उसको इतना महत्व नहीं देते थे क्योंकि उन्हें उसमें रूचि नहीं होती थी फिर मेरे कुछ मित्रों ने सुझाव दिया कि तुम अलग-अलग कहानियों से अच्छा पहले किसी एक विषय पर काम करो मैंने भी वैसा ही सोचना शुरू किया. अपनी नौकरी के दौरान मैं 2 साल विदेश में यानी बेल्जियम में रहा जहां मुझे जब भी समय मिलता मैं अपने उपन्यास के बारे में सोचता 2016 में जब मैं भारत वापस आया तो मैंने एक उपन्यास लिखने का विचार किया फिर 2017 में ‘टूथपेस्ट गर्ल’ विषय पर उपन्यास लिखना शुरू किया नोकरी के साथ जब भी मुझे समय मिलता मैं अपना सारा ध्यान अपने उपन्यास पर केंद्रित करता इस तरह 2019 तक में मैंने ‘टूथपेस्ट गर्ल’ तैयार किया।
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एक लेखक को कोई भी कहानी या उपन्यास लिखने में कैसी दिक्कतें आती है या उन्हें लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
दीपक:- लेखन एक कला है और कला जुनूनी लोगों को ही आती है यदि आप गाना गाते हैं या आप डांस करते हैं और जब लोग वह देखते या सुनते हैं तो वह आपको उसका महत्व देते हैं जिससे आपको प्रेरणा मिलती है लेकिन लेखनी (Writer) समय वाली प्रक्रिया होती है इसमें आपको अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सोचना होता है जो आसान काम नहीं है जिसका में खास ध्यान रखना चाहिए. जब हम किसी विषय पर लिखते है तथा जब दूसरी बार उसे पढ़ते हैं तो सोचते हैं नहीं यह विचार गलत है हम फिर से उसे लिखते हैं जिसके लिए हमारे अंदर निरंतरता होना बहुत जरूरी है मेरा यह मानना है कि जब तक आपका लिखने का पूरी तरह मन ना बना हो तब तक आप नहीं लिख सकते।
यदि कोई व्यक्ति लेखक बनना चाहता है या लेखन के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है उसको आप अपनी तरफ से क्या सुझाव देंगे?
दीपक:- सबसे पहले तो आप जो भी लेखन कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसको इस प्रकार से लिखना चाहिए कि आप की कहानी या उपन्यास शुरू से अंत तक एक दूसरे से संबंधित हो ताकि लोगों को समझने में आसानी हो और दूसरा आजकल आपको बहुत से संस्थान मिल जाएंगे जो आपको लेखन तो सिखा देते हैं लेकिन हमें क्या लिखना है यह नहीं बताते क्योंकि वह आपकी अपनी खुद की रचनात्मकता होती है और एक बात ओर यदि आप इस भ्रम में है कि मैं एक-दो उपन्यास लिख कर प्रसिद्ध हो जाऊंगा तो ऐसा कुछ भी नहीं है इस प्रकार आप कभी भी लेखक की श्रेणी में नहीं आ पाएंगे।
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पहले के लेखकों में और आज के लेखकों में आपको क्या अंतर नज़र आता है?
दीपक:- इस विषय पर मैं यह कहूंगा की लेखक (Writer) जो भी लिखता है वह उस दौर के हिसाब से लिखता है यदि हम पुराने लेखक की बात करें तो उन्होंने अपने दौर के हिसाब से अपनी लेखनी करी जो हमें उनके लेखन को पढ़कर पता चलता है उनकी कल्पना उस दौर के लोगों तथा संसाधनों को दर्शाती है लेकिन जब हम आज की बात करें तो आज के लेखन में पहले के मुकाबले काफी अंतर आ गया है आजकल लोगों को हर प्रकार की कल्पनाओं पर आधारित कहानियां तथा उपन्यास पढ़ना पसंद आता है जो हमें समय के साथ-साथ और बदलने को दिखेगा।
उपन्यास ‘टूथपेस्ट गर्ल’ के तीन भाग है भाग 2 और भाग 3 अगले वर्ष प्रकाशित किए जाएंगे।