आम आदमी पार्टी (AAP )जिला सिरसा इकाई ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को जिला प्रशासन के माध्यम से जलाध्यक्ष हैप्पी रानियां की अध्यक्षता में ज्ञापन सौंप कर सडक़ केलनिया से सिरसा रोड निर्माण में चल रहे बड़े स्तर के भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने और जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की मांग की है। आम आदमी पार्टी द्वारा दिनांक 04 दिसंबर को नव-निर्मित सडक़ को हाथों से उखाड़ कर सडक़ की मजबूती और गुणवत्त्ता को साबित किया है।
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जिला अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय परिषद सदस्य विरेन्द्र कुमार, लोकसभा संयुक्त सचिव प्रदीप सचदेवा, जिला कार्यालय प्रभारी हंसराज सामा, वरिष्ठ नेता हरबंस लाल, प्रदेश युवा संयुक्त सचिव राजेश मलिक, नरेंद्र भटनागर मौजूद रहे। ज्ञापन में आप नेताओं ने सिरसा के गांव केलनिया में केलनिया से सिरसा रोड जोकि सडक़ निर्माणाधीन है। केलनिया से सिरसा रोड सडक़ 7 से 8 किलोमीटर तक की बनाई जायेगी, अब तक सडक़ करीब एक किलोमीटर से अधिक की बन चुकी है। सडक़ निर्माण में बड़े स्तर का भ्रष्टाचार सामने आया है।
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पुरानी सडक़ के ऊपर सीधे तारकोल सामग्री बिछाकर नई सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। सडक़ में बहुत ही घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। सडक़ की गुणवत्त्ता और मजबूती का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी व ग्रामवासियों ने मिलकर नई निर्मित सडक़ 04 दिसंबर को हाथों से उखाड़ कर सडक़ निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को साबित कर दिया है। ठेकेदार द्वारा सडक़ पर सूचना बोर्ड लगाकर नहीं लगाया है। सरकारी नियमों के अनुसार बोर्ड पर ठेकेदार फर्म का नाम, मॉनिटीरिंग करने वाले अधिकारी व विभाग, टैंडर राशि, सडक़ की लम्बाई चौड़ाई, सडक़ निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री, गारंटी पीरियड को सार्वजनिक करना अनिवार्य है। (AAP )
सूचना को छुपाकर ठेकेदार और अधिकारी भ्रष्टाचार सरेआम कर रहे हैं। आप नेताओं ने मुख्यमंत्री को सबसे ईमानदार बताते हुए सिरसा टैंडर राशि का 42 प्रतिशत राशि जिला प्रशासन व बीजेपी के स्थानीय नेताओं द्वारा कमीशन के रूप में लिया जा रहा है। उपरोक्त निर्माणाधीन सडक़ केलनिया से सिरसा रोड में 42 प्रतिशन कमीशन के आरोपों को सच कर दिया है। उनकी मांग है कि उपरोक्त सडक़ पर सूचना बोर्ड लगाकर सडक़ निर्माण सूचना को सार्वजनिक किया जाये व निर्माण मामले की जांच करवाई जाए। ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाये और जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाए।