सिरसा, 13 अक्टूबर।(सतीश बंसल) उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन का परिणाम धरातल स्तर पर किसानों को लाभ के रुप में दिखे, इसके लिए अधिकारी फिल्ड में रहकर काम करें। कोई भी किसान सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित ना रहे। इसके साथ ही पराली प्रबंधन (Stubble Management ) को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से गंभीर है, अधिकारी भी पराली प्रबंधन कार्यों में गंभीरता दिखाएं। किसी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।उपायुक्त शुक्रवार को लघुसचिवालय स्थित सभागार में कृषि योजनाओं व पराली प्रबंधन बारे अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग की आत्मा स्कीम की प्रगति की समीक्षा की और इससे लाभान्वित किसानों की आय में आए बदलाव के बारे में भी जानकारी ली। पराली प्रबंधन को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिएउपायुक्त ने आत्मा स्कीम की समीक्षा के दौरान कहा कि कोई भी योजना जोकि कृषि से जुडी है, उसका लाभ धरातल स्तर (Stubble Management ) पर किसान को मिले। कोई किसान योजना के लाभ से वंचित ना रहे। इसके लिए अधिकारियों को चाहिए कि वे फिल्ड में रहकर किसानों को जागरुक करें और उन्हें सरकार की योजनाओं से अवगत करवाएं। कृषि योजनाओं के लाभ के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरुरी है। इसलिए किसानों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करें।
उपायुक्त ने पराली प्रबंधन को लेकर सख्ती दिखाते हुए अधिकारियों को हिदायत दी कि जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश के लिए गंभीरता से कार्य करें। जहां पर भी फसल कटाई होती है, वहां पर व्यक्तिगत तौर पर किसानों से मिलें। किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें उपलब्ध करवाएं और उन्हें पराली प्रबंधन के फायदों के बारे में अवगत करवाएं। पूरा प्रयास रहे कि कहीं पर भी पराली जलाने की घटना ना हो। कहीं पर भी लापरवाही आती है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी इसका जिम्मेवार होगा और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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उपायुक्त ने निर्देश दिए कि कहीं पर ये शिकायत ना आए कि गांव में पराली प्रबंधन मशीन उपलब्ध नहीं है। गांव स्तर (Stubble Management ) पर बेलर व अन्य मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं। फसल कटाई एरिया में लगातार निगरानी रखें और किसानों से मशीनों की आवश्यकता बारे जानकारी लें। योजनाबद्घ तरीके से मशीनों का वितरण करें, ताकि अधिक से अधिक क्षेत्र तक मशीनों की पहुंच हो सके।
उपायुक्त ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन को लेकर सरकार की ओर से दी जा रही प्रोत्साहन राशि के लिए जागरुक करें। धान की फसल के अवशेषों के इन-सीटू/एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये किसानों को दिए जाते हैं। इसी प्रकार रेड जोन में शून्य-जलन लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने वाली पंचायतों को एक लाख रुपये से पुरस्कृत किया जाएगा जबकि शून्य-जलन लक्ष्य तक पहुंचने वाले येलो जोन के गांवों को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, गौशालाओं को सहायता के लिए गांठों हेतु परिवहन 500 रूपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम सीमा 15,000 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है। गौशालाओं व इंडस्ट्रीज के साथ तालमेल बनाकर रखें, ताकि अधिक से अधिक पराली का प्रबंधन हो सके।
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जिला के प्रगतिशील किसान सुखविंद्र व राजेराम तकनीक खेती कर अच्छी आमदनी ले रहे हैं। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने दोनों किसानों से उनकी खेती, उत्पादन व सरकार की योजनाओं से मिलने लाभ बारे जानकारी ली। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे दूसरे किसानों को भी प्रेरित करें। गांव सुल्तानपुरिया के किसान सुखविंद्र सिंह ने बताया कि वे पिछले सात साल से पराली प्रबंधन (Stubble Management ) कर रहे हैं। वे सब्जी की खेती करते हैं, जिससे अच्छी आय कमा लेते हैं। इसी प्रकार गांव बेगू के किसान राजेराम ने बताया कि वे पिछले कई सालों से कपास का हाईब्रिड बीज तैयार करते हैं। इसके लिए वे एक एकड़ में बीज तैयार करने की खेती कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे एक एकड़ में पांच क्विंटल तक बीज तैयार कर लेते हैं, जिससे उसे ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। प्रगतिशील किसानों ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से उन्हें समय-समय पर आत्मा स्कीम के तहत आधुनिक खेती के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करवाया जाता है, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलता है।बैठक में एसीयूटी शाश्वत सांगवान, एसडीएम सिरसा राजेंद्र कुमार, एसडीएम ऐलनाबाद डा. वेद प्रकाश बेनीवाल, एसडीएम कालांवाली सुरेश रावेश, एसडीएम डबवाली अभय सिंह उपनिदेशक कृषि डा. सुखदेव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।