बॉलीवुड के मशहूर मॉडल व कलाकार शावर अली (Shahwar Ali ) का नव टाइम्स न्यूज़ के साथ विशेष संवाद ‘
आप भोपाल से आते है, आप ने अपनी मॉडलिंग की शुरुआत कैसे की और जब आप छोटे थे तो आपकी क्या बनने की इच्छा थी?
शावर :- मॉडलिंग में आने से पहले मुझे हॉकी खेलने का शौक था. भोपाल में ही मैंने अपने स्कूल व कॉलेज स्तर तक हॉकी खेली क्योंकि मैं आगे जाकर हॉकी मैं ही अपना करियर बनाना चाहता था. लेकिन नेशनल स्तर पर मेरा हॉकी खेलने के लिए चयन नहीं हो पाया, जिसके बाद मैंने हॉकी खेलना छोड़ दिया. अगर मैं मॉडलिंग की बात करूं तो साल 1999-2000 में भोपाल के ‘जहांनुमा पैलेस’ में एक शो हुआ था जिसमें उस समय के बड़े-बड़े मॉडल जैसे ‘अर्जुन रामपाल’ ‘राहुल देव’ आए थे. उस समय मैं वह गया था वहां मेरी मुलाकात ‘शेफाली तलवार’ और ‘अर्जुन रामपाल’ से हुई तो वहां उन्होंने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया उन्होंने कहा आप दिखने में अच्छे हो आपका चेहरा और लोगों से अलग है. इसलिए आप मॉडल बन सकते हो और उन्होंने ही मुझे वहां के फैशन शो में भाग लेने को कहा तो वहां से मेरी रुचि मॉडलिंग की तरफ हुई।
आप मॉडलिंग की दुनिया में थे उसके बाद आप फ़िल्मी दुनिया में आ गए , आप का मॉडलिंग से फिल्म जगत तक का सफर कैसे रहा ?
शावर:- जैसा कि मैंने बताया कि भोपाल के फैशन शो में मेरा (Shahwar Ali) चयन हुआ उसके बाद कलकत्ता मैं (Grasim Mr India) प्रतियोगिता में मेरा चुनाव हुआ था.जहां मुझे बेस्ट “Best Physique category” का पुरस्कार मिला. जिसके बाद सन् 2000 में मैं मुंबई आ गया. मैंने फिर मॉडलिंग को गंभीरता से लिया और अपने करियर की शुरुआत की जिसके बाद मुझे मॉडलिंग के साथ फिल्मों में काम करने का मौका मिला जहां मेरी पहली फिल्म “असंभव” जो सन 2004 में आई, वहां से मेरे फिल्मी करियर की शुरुआत हुई उसके बाद ‘हवस’ , ‘अब बस’ ,’राधे’ जैसी कई फिल्मों में मैंने काम किया है. बॉलीवुड के साथ-साथ मुझे साउथ इंडस्ट्री में भी काम करने का मौका मिला जहां मैंने ‘रेचिपो’ , ‘गोली मार’ ,’रेबल’ जैसी फिल्में करी और कर रहा हूं. इस तरह मेरा फिल्मी जगत का करियर शुरू हुआ।
हाल ही में कन्नड एक्टर ‘सुदीप किच्चा’ ने एक बयान दिया था की ‘हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है’ आप उन के इस बयान को किस तरह से देखते है?
शावर:- देखिए राष्ट्रभाषा निश्चित रूप से हमारी हिंदी (Shahwar Ali) ही है. लेकिन जैसा कि मैं हिंदी के अलावा तेलुगु में भी काम करता हूं या कन्नड़ में काम करता हूं तो वहां पर उस क्षेत्र की भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है. अगर आप उनसे उन्हीं की भाषा में बात करते हो तो वह आपको उसका महत्व देते हैं. आपको पसंद करते हैं तो अब राष्ट्रभाषा की परिभाषा क्या होनी चाहिए वह तो मुझे नहीं पता लेकिन अगर आप एक भारतीय होकर कहे तो आपकी हिंदी ही राष्ट्रभाषा है. हम इस विषय पर किसी पर आरोप नहीं लगा सकते।
बिते कुछ सालों में OTT प्लेटफॉर्म का चलन तेज़ी से बड़ा है, आप OTT को किस तरह देखते है और इस के आने से सिनेमा किस तरह का बदलाव आया है?
शावर :- देखिए एक तो बहुत सारे लोगों को सिनेमा (Shahwar Ali) में काम मिलने लगा है जो पहले नहीं मिलता था. पहले OTT प्लेटफॉर्म्स का नाम भी नहीं था ,अगर मैं 10-15 साल पहले की बात करूं क्योंकि पहले ज्यादातर एक बड़े एक्टर की फिल्म थिएटर में चलती थी ऐसा मेरा मानना है और छोटे एक्टरों की फिल्मों को लोग बहुत कम ही देखते थे. लेकिन अब OTT आने से उन कलाकारों को भी महत्व मिलने लगा है जैसे मैं कहूं तो Netflix पर एक वेब सीरीज आई है “जमतारा” जिसमें सभी नए कलाकार है जिन्होंने कितना जबरदस्त काम किया है और कितनी जबरदस्त वह सीरीज है तो अब अगर कोई थिएटर में इस तरह की फिल्म लगाता है तो शायद ही कोई देखने जाता क्योंकि बहुत सारी चीजें हैं जो OTT पर प्रसिद्ध हो गई और थिएटर पर नहीं हो पाई क्योंकि अब लोग सच्ची कहानियां देखना पसंद कर रहे हैं नए – नए लोगों को देखना पसंद कर रहे हैं. हम कह सकते हैं OTT के आने से फिल्म इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है।
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आज के दौर के सिनेमा और OTT में अभद्र भाषा का चलन इस तरह बढ़ गया है की लोग अपने परिवार के साथ सिनेमा देखने से कतराने लगे है, इस पर आप के क्या विचार है?
शावर :- भाषा का स्तर अगर मैं कहूं तो गिरा है, फिर चाहे वह संगीत हो या फिर कोई डायलॉग (Shahwar Ali) क्योंकि अगर आप पहले की यानी 80s या 90s की फिल्में देखेंगे तो उस समय शायद इस तरह की भाषा का प्रयोग किया जाता था. जैसा आज किया जाता है लेकिन आज कल जब हम लोग आधुनिक हो गए हैं. आज के युवाओं को ऐसी भाषा अच्छी लगती है. जिस तरह से आप एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बनाना चाहते या किसी की सच्ची घटना है और वह इस तरह की भाषा का प्रयोग करता था. वहां अगर आप फिल्म में ऐसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो वह चीज़ बुरी नहीं लगती लेकिन आप जबरदस्ती उस में डालने की कोशिश करेंगे तो फिर उसमें मजा नहीं आता है. क्योंकि कई फिल्में मैं देखता हूं जो लोगों को खुश करने के लिए बनाई जाती है तो कई फिल्में सच्चाई पर बनाई जाती है वहां लोग को पता चल जाता है कि किस स्तर की फिल्म या वेब सीरीज है वह हमें बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
साउथ एक्टर ‘महेश बाबू’ के दिए गए बयान ‘बॉलीवुड’ मुझे अफोर्ड नहीं कर सकता’ पर आप क्या कहना चाहेंगे?
शावर:- मैं इस विषय पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता हूँ. लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि बॉलीवुड उनको जरूर अफोर्ड कर सकता है और मेरे हिसाब से उनको निश्चित ही बॉलीवुड में काम करना चाहिए क्योंकि वह बहुत ही अच्छे एक्टर और बहुत ही अच्छे डांसर है. अभी आप देख रहे होंगे या सुन रहे होंगे कि लोग बोल रहे हैं साउथ इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है और बॉलीवुड को पीछे छोड़ रही है. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि बॉलीवुड कहीं गया नहीं है बॉलीवुड (Shahwar Ali ) यहीं पर है बस कोरोना के कारण इस इंडस्ट्री को बहुत नुकसान हुआ है. लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां सुधर रही है, बॉलीवुड की कई बड़ी-बड़ी फिल्में अब रिलीज होंगी हाल में रिलीज हुई साउथ की कुछ फिल्मों ने साउथ इंडस्ट्री को तेजी से आगे लाया है एक एक्टर के रूप में मैं दोनों इंडस्ट्री को पसंद करता हूं क्योंकि दोनों हमारे भारत का हिस्सा है।
आपको किस तरह के किरदार निभाना पसंद है और आपका पसंदीदा कलाकार कौन है?
शावर :- मुझे ऐसा किरदार निभाना पसंद है जिससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता हो चाहे वह किसी भी भाषा में हो या किसी भी इंडस्ट्री में हो और खलनायक का रोल करना मुझे ज्यादा पसंद है. मुझे तेलुगु भाषा में काम करना,इसलिए पसंद है क्योंकि वहां मुझे अभी तक ज्यादा भूमिकाएं करने को मिली है और मैं अपने पसंदीदा कलाकार की बात करूं तो ‘अमरीश पुरी’ मुझे पसंद है और ‘नवाजुद्दीन सिद्दिकी’ जब खलनायक की भूमिका निभाते हैं तो मुझे वह बहुत जबरदस्त लगते हैं।
एक मॉडल से शुरुआत करने के बाद एक्टर और फिर साउथ इंडस्ट्री में कदम रखना, इसमें आपको कितना संघर्ष करना पड़ा?
शावर:- अगर आप संघर्ष का मतलब मुझसे पूछोगे तो मुझे नहीं पता कि संघर्ष क्या होता है क्योंकि मैं अपनी मेहनत पर भरोसा करता हूं. मैं इतना कहूंगा कि जब मैं मुंबई आया था भोपाल से तो जो मुझे मुंबई को समझने में वक्त लगा था 5 से 6 महीने का उसे मैं अपना संघर्ष कहूंगा क्योंकि घर से दूर कहीं जाने पर थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना तो करना पड़ता है. मैं यह भी कहूंगा कि अगर मुझे काम मांगने में संघर्ष करना पड़े तो मैं करूंगा क्योंकि आपको काम मांगने में कभी भी शर्माना नहीं चाहिए ऐसा मेरा मानना है।
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आप ने बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान, लीजेंड अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसे बड़े कलकारों के साथ काम किया है, उन के साथ काम करते वक़्त क्या कुछ नया सीखने को मिलता है?
शावर:- मैंने बहुत कुछ बाहर के लोगों से ही सीखा (Shahwar Ali ) है जैसे जब मैंने ‘ओम शांति ओम’ करी तो मैंने ‘शाहरुख खान’ से सीखा कि दूसरों को तब तक सिखाना चाहिए जब तक वह अच्छा ना करें और ‘अमिताभ बच्चन’ से ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’ मैं मैंने यह सीखा की दृढ़ निश्चय एक जुनूनी कलाकार क्या होता है, ‘सलमान खान’ से मैंने यह सीखा कि एक सितारा क्या होता है. उसे आम जनता से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए और भी कई लोगों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला यह मेरा निजी अनुभव था. जब कोई एक्टर बड़ा बनता है तो ऐसे ही नहीं बन जाता क्योंकि वह बहुत मेहनत के बाद वहां तक पहुंचता है जब तक आप उनको समझ नहीं पाते तब तक आप उनके बारे में कुछ कह नहीं सकते क्योंकि उनसे मिले बिना आपकी धारणा बदल नहीं सकती।
पहले का समय और आज के समय में ज़मींन आसमान का अंतर होना लाज़मी है, आप अपने बीते दिनों को कैसे याद करते हैं?
शावर:- जो मैंने ज़माना देखा है वह आज से बिल्कुल पलट था तो मैं जो याद करता हूं कि मैं कैसे ऑडिशन पर जाया करता था अपनी पूरी फाइल लेकर अपनी फोटो अपनी सारी जानकारी लेकर कहीं जाया करता था ट्रेन में बैठकर क्योंकि जब मैंने शुरुआत करी थी उस समय केवल 10 ही पुरुष मॉडल हुआ करते थे पूरे भारत में और 18 से 20 महिला मॉडल हुआ करती थी पूरे भारत में लेकिन अब आज का ज़माना डिजिटल का है तो कोई भी मॉडल बन सकता है वह टाइम बहुत ही मज़ेदार था. आज के समय में जिंदगी बहुत ही आसान हो गई है क्योंकि सोशल मीडिया आ जाने से आजकल लोगों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती हैं. वह घर से ही अपना काम कर सकते हैं और मैं यही कहूंगा कि उस समय का अलग मज़ा था और इस समय का अलग मज़ा है।
बड़ी तादाद में युवा पीढ़ी एक्टर और कलाकार बनना चाहती है उन आने वाले मॉडल्स व कलाकारों को आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
शावर:- सुझाव में यही देना चाहूंगा कि जैसे मैं एक जुनूनी (Shahwar Ali ) था मेरे दिमाग में एक ही चीज चलती थी कि मुझे सुपर मॉडल बनना है. अब वह कैसे बनना है किस तरह से बनना है वह मैं कभी नहीं सोचता था. मैं आज की पीढ़ी को यही कहना चाहूंगा कि अगर आप में वाकई जुनून है कुछ करने की कुछ पाने की ओर आप दृढ़ निश्चय है तो आपको निश्चित रूप से ही सफलता मिलेगी क्योंकि सोशल मीडिया के आ जाने से बहुत आसान जिंदगी हो गई है आपके पास अपना ही एक माध्यम हो गया है. अपने बारे में लोगों को बताने का जो पहले नहीं था लेकिन अब हो गया है।
बॉलीवुड के मशहूर कलाकार ‘शावर अली’ के साथ साक्षात्कार हमारे पत्रकार ‘पिंटू राय’ द्वारा किया गया।