आम आदमी पार्टी, चंडीगढ़, अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने लीजहोल्ड संपत्तियों को फ्रीहोल्ड में बदलने के मुद्दे पर जनता को बेवकूफ बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन और सत्तारूढ़ भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि एक तरफ भाजपा नेता और सांसद जनता को आश्वासन देते रहे हैं कि सभी लीजहोल्ड संपत्तियों को मामूली रूपांतरण शुल्क वसूल कर फ्रीहोल्ड संपत्तियों में बदलने की अनुमति दी जाएगी और प्रशासन भी उसी आश्वासन को दोहराता रहा है।
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लेकिन अब प्रशासन ने संपदा अधिकारी बनाम चरणजीत कौर नाम के केस में माननीय सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के समक्ष इसका विरोध किया है। यहां तक कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्रशासन की सभी आपत्तियों को बेतुका बताते हुए प्रशासन की समझदारी पर सवाल उठाया है और फ़रीहोल्ड करने की नीति के संबंध में अपना रुख सामने आने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है। आवासीय इकाइयों के अलावा 6621 वाणिज्यिक और 1451 औद्योगिक इकाइयां फ्रीहोल्ड में परिवर्तन की प्रतीक्षा कर रही हैं। प्रेम गर्ग ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यू टर्न लेकर जनता के मन में अनावश्यक भ्रम पैदा करने के लिये प्रशासन की आलोचना की है।
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प्रशासन द्वारा दी गई सभी आपत्तियां जैसे कि चंडीगढ़ में आगे कोई भूमि अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है, लीज रेंटल एमसी/प्रशासन को नियमित आय देता है और फ्रीहोल्ड में रूपांतरण के परिणामस्वरूप मुकदमेबाजी और विवाद होंगे, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। गर्ग ने मांग की है कि प्रशासन को जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि वह संपदाओं को लीज़ होल्ड से फ़्री होल्ड करने के पक्ष में है या इस तरह के कदम का विरोध करता है, ताकि जनता को अब और ज़्यादा समय के लिए बेवक़ूफ़ न बनाया जा सके।