चंडीगढ़। चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने (Mahila Congress Chandigarh) चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से पत्र के माध्यम से पूछा है कि शहर के विभिन्न विभिन्न क्षेत्र में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा नए बस शेल्टर बनाए जा रहे हैं जिनकी लागत 10.8 करोड़ रुपए की है। दीपा दुबे ने प्रशासक से प्रश्न करते हुए कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन क्या यह जवाब दे सकता है कि 10.8 करोड़ रुपयों की लागत से तैयार हो रहे बस शेल्टर क्या चंडीगढ़ के जनता को बारिश से बचा सकते है ?
दुबे ने कहा कि चंडीगढ़ के नागरिक शहर की प्रगति और विकास के लिए हर साल टैक्स देते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा नए बस शेल्टर 10.8 करोड़ की लागत से बनाना कहां तक उचित है। (Mahila Congress Chandigarh) क्या प्रशासन के अधिकारी नए बस शेल्टर की उपयोगिता के बारे में सूचित कर सकते हैं क्या?
दीपा ने कहा कि एक तरफ तो प्रशासन पिछले 6 सालों में जो सरकारी कॉलेज मनीमाजरा में बनना था वह नहीं बनवा पाया। और प्रशासन को जमीन भी वापस नगर निगम को देनी पड़ रहे हैं। सांसद किरण खेर ने भी चुनावों में मनीमाजरा में वादा किया था की सरकारी कॉलेज खोला जाएगा मनीमाजरा की नागरिकों के लिए। (Mahila Congress Chandigarh) लेकिन शहर की जनता का पैसा नए बस शेल्टर मैं लगाने की वजह शहर के बच्चों की पढ़ाई के संस्थान में लगाए जाए तो ज्यादा शहर के लिए लाभदाई होंगे।
दीपा ने कहा कि कुछ साल पहले शहर में बस शेल्टर बनाए गए थे जिसमें पब्लिसिटी और ऐड लगाने की प्रावधान था लेकिन देखने में यह आया था कि जो नए बस शेल्टर बनाए गए थे उनकी हालत अब सही नहीं है। अगर प्रशासन फिर भी शहर में बस क्यू शेल्टर बनवा रहा है तो उस जगह बनवाएं जहां पर शहर के नागरिकों को जरूरत है। जैसे की पी.जी.आई. की ओ.पी.डी और पंजाब यूनिवर्सिटी का गेट नंबर 3 के बाहर बस क्यू शेल्टर का होना बहुत अनिवार्य है।
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दुबे ने प्रशासन बनवारीलाल पुरोहित को कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों को बोलकर आप जल्द से जल्द बस शेल्टर जहां जरूरत है (Mahila Congress Chandigarh) वहां पर बनवाएं ताकि चंडीगढ़ शहर के नागरिकों ने जो टैक्स के तौर पर सरकार को पैसे दिए हैं उसका इस्तेमाल सही ढंग से चंडीगढ़ के प्रगति और विकास के लिए किया जा सके।
अंत में दीपा दुबे ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से अपील की है कि शहर की प्रगति और उन्नति के लिए शहर के बच्चों के लिए पढ़ाई के अच्छे संस्थान बनाए जाए और व्यर्थ में शहर में विभिन्न विभिन्न कार्य कर कर शहर की जनता का पैसा व्यर्थ ना किया जाए।