लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पांच जिले अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, श्रावस्ती और सोनभद्र जल्दी वायुसेवा से जुड़ जाएंगे। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत इन जिलों में विकसित किये जा रहे एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन के लिए भारतीय विमनपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और राज्य सरकार के बीच शुक्रवार को लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में अनुबंध (एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए गए। अब इन हवाई अड्डों के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। जल्द ही इन सभी पांच स्थानों से वायुसेवा शुरू हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के इन पांचों एयरपोर्ट का विकास राज्य सरकार करेगी और सेवाप्रदाता के रूप में उनका संचालन और प्रबंधन करेगा। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एसपी गोयल और एएआइ के अध्यक्ष एके पाठक के बीच अनुबंध पत्र का आदान-प्रदान हुआ। इसी क्रम में पांचों एयरपोर्ट की परिसंपत्तियों और पूंजीगत कार्य एएआई को हस्तांतरित किये जा रहे हैं। अनुबंध के बाद अब इन एयरपोर्ट के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया होगी और जल्द ही पांचों हवाई अड्डों से वायुसेवा शुरू हो जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एयरपोर्ट ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में किन्हीं कारणों से पीछे छूट गए थे। श्रावस्ती, सोनभद्र और चित्रकूट तो आकांक्षात्मक जिले हैं। यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को पंख लगेंगे। पांच साल पहले लोग आजमगढ़ के नाम से डरते थे। आज हम वहां वायुसेवा प्रदान करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे पहले हम पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को आजमगढ़ के बीच से लेकर गए। किसी ने इसका विरोध नहीं किया, एक्सप्रेसवे के लिए लोगों ने स्वेच्छा से जमीन दी। अलीगढ़ हार्डवेयर के लिए दुनिया में मशहूर है। यहां डिफेंस कारीडोर का महत्वपूर्ण नोड विकसित किया जा रहा है। चित्रकूट रामायण सर्किट का हिस्सा ही नहीं, उसका केंद्र बिंदु भी है। यहां पहाड़ी के ऊपर एयरपोर्ट बन रहा है।
ज्ञान प्राप्त करने के बाद भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक चातुर्मास श्रावस्ती में बिताये थे। कहा जाता है कि भगवान राम के पुत्र ने श्रावस्ती को बसाया था और इसे अपनी राजधानी बनाया था। कभी नक्सलवाद से प्रभावित रहा सोनभद्र देश के जनजातीय समूहों का उद्गम स्थल है। प्राकृतिक दृष्टि से सुंदर और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। उप्र में खनन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने इन सभी एयरपोर्ट को एयर बस ए-320 के मानकों के अनुसार विकसित करने के निर्देश भी दिए। इस संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से शीघ्र ही सर्वे की प्रक्रिया पूरी कराकर जमीन खरीदने के बारे में आगे की कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश ने वायुसेवा कनेक्टिविटी में बहुत अच्छी प्रगति की है। 2017 के पहले उप्र में लखनऊ और वाराणसी में सिर्फ दो एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील थे। गोरखपुर और आगरा के एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे। आज उप्र में नौ एयरपोर्ट क्रियाशील है जिनके जरिये देश के 75 जिलों के लिए वायुसेवा प्राप्त हो सकती है। इनके अलावा सरकार दस और एयरपोर्ट पर काम कर रही है।
2017 के पहले गोरखपुर से दिल्ली के लिए एक वायुसेवा थी। आज गोरखपुर में 14 वायुसेवा हैं। इससे गोरखपुर के विकास को नई गति मिली है। एयरपोर्ट अथारिटी ने 11 महीने के कम समय में प्रयागराज कुंभ के लिए एयरपोर्ट तैयार किया। विकास के साथ पर्यटन के संवर्धन में भी एयरपोर्ट की बड़ी भूमिका है। उप्र जब अपने परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना को आगे बढ़ा रहा है तो ऐसे में प्रदेश के लिए एयर कनेक्टिविटी बहुत मायने रखती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। इनके अलावा गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में पीपीपी मोड पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण का दायित्व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंपा गया है। इनका निर्माण पूरा होने पर उप्र पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य होगा।