लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज पूरा प्रदेश सूखे की चपेट में आ गया है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। बारिश न होने से खरीफ की बोआई रुकी हुई है। सरकार के कथित पौधारोपण अभियान पर भी सूखे का साया मंडराने लगा है। लेकिन भाजपा सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि एक अंदाजा है कि इस वर्ष खरीफ की बोआई छह लाख हेक्टेयर कम होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने 60 लाख हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा जबकि 27 लाख हेक्टेयर धान की ही रोपाई अब तक हो सकी है। प्रदेश में बिजली भी उपलब्ध नहीं है। सिंचाई के लिए न बिजली है न पानी। रजवाहे सूखे हैं। तालाब-पोखर में पानी नहीं रह गया है। पशुओं को न पीने का पानी और नहीं चारा-भूसा मिल पा रहा है।
भाजपा सरकार अलर्ट जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मौसम की पूरी जानकारी के बगैर 30 करोड़ पौधे लगा दिए। जब बरसात नहीं तो पानी का सूखा पडऩा स्वाभाविक है, अब न पौधे बच रहे हैं न तालाबों में पानी भरा हैं। बुंदेलखंड की तो भाजपा राज में बहुत उपेक्षा हुई है। भाजपा की कुनीतियों के चलते प्रदेश विकास के हर पायदान पर नीचे फिसलता जा रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में मानसून की बेरुखी को लेकर बैठक कर चुके हैं। प्रमुख नदियों, नहरों और जलाशयों में बेशक पर्याप्त जलराशि हो, लेकिन सामान्य से लगभग 62 प्रतिशत कम वर्षा की रिपोर्ट ने सरकार को सतर्क कर दिया है। एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसून की स्थिति की समीक्षा करते हुए राहत संबंधी सभी विभागों को अलर्ड मोड पर रहने के निर्देश दिए थे। अगले एक सप्ताह को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा था कि हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर मानसून की स्थिति की समीक्षा शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की थी। इसमें रिपोर्ट दी गई कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून के प्रभाव से इस वर्ष 13 जुलाई तक मात्र 76.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि सामान्य वर्षा 199.7 मिलीमीटर से लगभग 62 प्रतिशत कम है।
इस बीच एकमात्र आगरा ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य वर्षा हुई है। ललितपुर, फिरोजाबाद, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य (80 से 120 प्रतिशत) और खीरी, देवरिया, एटा और बिजनौर में सामान्य से कम (60-80 प्रतिशत) वर्षा हुई है। 19 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से 40 से 60 प्रतिशत तक ही वर्षा दर्ज की गई है।
इस पर सीएम योगी ने कहा था कि इस बार मानसून में देरी है। हालांकि प्राकृतिक वर्षा जल से सिंचाई के साथ-साथ सरकार द्वारा नहरों, नलकूपों के विस्तार से सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया गया है। ताजा स्थिति के अनुसार सभी प्रमुख नदियों, नहरों और जलाशयों में पर्याप्त जलराशि है। यह संतोषप्रद स्थिति है।
उन्होंने कहा था कि कम वर्षा के कारण खरीफ फसलों की बोआई प्रभावित हुई है। खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 13 जुलाई तक प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के सापेक्ष 42.41 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का मात्र 44.16 प्रतिशत ही है। इसमें भी 45 प्रतिशत हिस्सा अकेले धान की बोआई का है। पिछले वर्ष इसी तिथि तक 53.46 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि मौसम वैज्ञानिकों के आकलन के अनुसार 18 जुलाई से अच्छी वर्षा की संभावना है। विलंब से बोआई उपज को प्रभावित करती है, लेकिन हमें वैकल्पिक प्रबंध के लिए तैयार रहना होगा। सभी परिस्थितियों के लिए कार्ययोजना तैयार रहनी चाहिए। कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि संबंधित विभाग अलर्ट मोड में रहें।
बांदा, चंदौली, हमीरपुर, देवरिया, जालौन के साथ-साथ बलिया, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर और श्रावस्ती जैसे जिलों पर विशेष ध्यान देने पर उनका जोर था। योगी ने कहा था कि अगला एक सप्ताह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।