नई दिल्ली। चीन के साथ भारत के तनावपूर्ण संबंध से दुनिया अवगत है। इस क्रम में चीन को पीछे करते हुए अब भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर अमेरिका बन गया है। यह साल 2021-22 के डेटा से सामने आया है। इससे पहले चीन ही भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था। इससे यह साफ है कि अमेरिका के साथ भारत के मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है। ट्रेड एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले वर्षों में भी अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार में बढ़त का ट्रेंड जारी रहेगा दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाने में जुटे हैं।
यूं हुई बढ़ोत्तरी
वित्त मंत्रालय के अनुसार साल 2021-22 में अमेरिका और भारत के बीच 119.42 अरब डालर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ जो 2020-21 में 80.51 अरब डालर था। अमेरिका का निर्यात 2021-22 में बढ़कर 76.11 अरब डालर हो गया। बता दें कि यह 2020-21 में 51.62 अरब डालर था। वहीं 2020-21 में लगभग 29 अरब डालर की तुलना में आयात बढ़कर 43.31 अरब डालर हो गया।
चीन के साथ यूं चला व्यापार
बता दें कि 2021-22 में चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डालर का हो गया जो 2020-21 में 86.4 अरब डालर था। चीन को 2020-21 में 21.18 अरब डालर का निर्यात किया। पिछले वित्त वर्ष में ये 21.25 अरब डालर था। वहीं 2021-22 में आयात लगभग 65.21 अरब डालर से बढ़कर 94.16 अरब डालर हो गया। 2021-22 में ट्रेड गैप बढ़कर 72.91 अरब डालर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 44 अरब डालर था।
चीन की तुलना में भारत पर है अधिक भरोसा फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के वाइस प्रेसिडेंट खालिद खान ने कहा कि ‘भारत एक ट्रस्टेड ट्रेडिंग पार्टनर के रूप में उभर रहा है और ग्लोबल कंपनियां अपनी सप्लाई के लिए चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं और भारत जैसे अन्य देशों में कारोबार का विस्तार कर रही हैं।