नई दिल्ली। मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अनिल देशमुख बाम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘उम्मीद और विश्वास है कि उच्च न्यायालय इस मामले पर तेजी से सुनवाई करेगा।’
देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता की उम्र 73 साल है। याचिकाकर्ता मार्च में दायर की गई लंबित जमानत याचिका को लेकर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई का अनुरोध करता है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘याचिकाकर्ता अपनी जमानत अर्जी को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं।’
शीर्ष अदालत ने माना कि जमानत याचिका को तीन मौकों पर उच्च न्यायालय के सामने सूचीबद्ध किया गया था। ऐसा लगता है कि समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, ‘यह अदालत उच्च न्यायालय के लिए कोई तारीख तय नहीं कर सकती है।’
न्यायिक हिरासत में हैं अनिल देशमुख
बता दें कि देशमुख को ईडी की टीम ने बीते साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं। हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। साथ ही खराब स्वास्थ्य का हवाला देने के बावजूद जमानत याचिकाओं की तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया था। तब, हाईकोर्ट ने कहा था कि चिकित्सा आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग एक समस्या बन गई है।
ईडी ने किया विरोध
उधर, ईडी ने अपने हलफनामे में देशमुख की जमानत याचिका का विरोध किया है। ईडी ने आरोप लगाया कि देशमुख ने गृह मंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था। आरोप है कि राज्य के गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे (जो पिछले साल एंटीलिया बम मामले में गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था) के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बारों व रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए।