बरेली। बरेली में हैसियत प्रमाण-पत्र पर रिपोर्ट लगाने के एवज में दस हजार रुपये की रिश्वत मांगना लेखपाल को महंगा पड़ गया। एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल पुरुषोत्तम गंगवार को घूस के छह हजार रुपयों के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। (Corruption)
आरोपित सदर तहसील के कुमरा गांव का लेखपाल है। वह भुता के भडरिया गांव का रहने वाला है। इज्जतनगर थाने में एंटी करप्शन टीम की ओर से आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई गई है। (Corruption)
इज्जतनगर के मेवा कुंवर स्थित न्यूडी रानी गांव के रहने वाले हरीश कुमार राठौर ने बताया कि उन्होंने हैसियत प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन किया था। आवेदन के बाद प्रार्थना-पत्र लेखपाल पुरुषोत्तम गंगवार के पास पहुंचा। रिपोर्ट नहीं लगी जिसके बाद लेखपाल को फोन कर रिपोर्ट लगाने की बात कही।
इस पर लेखपाल ने दस हजार रुपये की मांग की। हरीश ने सवाल किया तो कहा कि रिपोर्ट लगवानी हो तो रुपये देना होगा, नहीं तो कोई बात नहीं। हरीश के काफी मिन्नतों के बाद छह हजार रुपयों में बात तय हुई। इसी बीच लेखपाल को सबक सिखाने के लिए हरीश ने एंटी करप्शन टीम बरेली को मामले की जानकारी दी। (Corruption)
एंटी करप्शन की टीम मोबाइल नंबर के आधार पर लेखपाल को पकड़ने के लिए लग गई। सोमवार को लेखपाल ने हरीश को फोन कर रुपये के लिए बजरंग ढाबे के पास बुलाया। यहां हरीश लेखपाल को रुपये दे रहे थे, इसी दौरान लेखपाल धर लिया गया।
बचने को आरोपित ने भागने की कोशिश की लेकिन, उसकी चालाकी काम ना आई। टीम सीधे उसे इज्जतनगर थाने लेकर पहुंची। प्राथमिकी लिखाई गई। टीम आरोपित से पूछताछ में जुटी है। मंगलवार को वह जेल भेजा जाएगा।
बोला- रिश्वत देकर पाई है नौकरी तो पैसा तो लूंगा ही
हरीश ने बताया कि आरोपित लेखपाल पुरुषोत्तम गंगवार ने कहा कि रिश्वत लेना कोई गुनाह नहीं है। रिश्वत देकर ही नौकरी पाया हूं। ऐसे में रिश्वत लेना कैसे भूल सकता हूं। बगैर रिश्वत के मैं कोई काम नहीं करता हूं।
हज जाकर वह हाजी हो गए, अब थोड़े…
हरीश ने बताया कि आरोपित लेखपाल से जब उसने कहा कि पूर्व में लेखपाल उस्मान अली तैनात थे। वह एक रुपये किसी से नहीं लेते थे। इस पर आरोपित ने कहा कि वह हज जाकर हाजी हो गए। हम हज थोड़ी गए हैं जो रुपये लेना छोड़ दें।
खसरा के लिए मांगे सौ-सौ रुपये (Corruption)
आरोपित लेखपाल ने हर चीज के अलग-अलग दाम तय कर रखे थे। हरीश के मुताबिक, हैसियत प्रमाण-पत्र के बाद उसने कहा कि कुछ खसरे भी निकलने हैं। इस पर लेखपाल ने प्रत्येक खसरे के हिसाब से सौ-सौ रुपये की मांग की।
लेखपाल पुरुषोत्तम गंगवार को ट्रैप कर छह हजार रुपयों संग रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। उसके विरुद्ध इज्जतनगर थाने में प्राथमिकी लिखाई गई है।– ओम प्रकाश सिंह, प्रभारी, एंटी करप्शन, बरेली इकाई